हरिद्वार जनपद की खबरें: जीआरपी पुलिस ने 325 कांवड़ियों को वापस भेजा

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कोरोना के मददे्नजर शासन-प्रशासन द्वारा रोक के बावजूद दिल्ली, पंजाब, हरियाणा से हरिद्वार गंगा जल लेने आए 325 कांवडि़यों को रेलवे स्टेशन पर ही जीआरपी ने रोक लिया। इन सभी कांवडि़यों को शटल बस, रोडवेज और ट्रेनों से वापस भेजा गया। वापस न जाने वाले कांवडि़यों को पुलिस ने 14 दिन तक क्वारंटाइन रहने और केस दर्ज करने की चेतावनी दी थी। गौरतलब है कि इस बार शासन ने हरिद्वार में लगने वाले कावड़ मेले को स्थगित कर दिया था। इसके बावजूद रविवार से सावन माह लगने के बाद हरिद्वार आने वाले कावडि़ए चोरी-छिपे हरिद्वार आने शुरू हो गए हैं। रोक के बावजूद सोमवार सुबह विभिन्न टेªनों से बड़ी संख्या में कांवडिए हरिद्वार पहुंच गए। मसूरी एक्सप्रेस, अमृतसर एक्सप्रेस, हावड़ा एक्सप्रेस और बाड़मेर एक्सप्रेस से करीब 325 से अधिक कावडि़ए हरिद्वार स्टेशन पर उतर गए। लेकिन स्टेशन पर चेकिंग कर रही जीआरपी ने सभी कांवडि़यों को रोक लिया और वेटिंग रूम में बैठा दिया। पुलिस ने पूछताछ की तो मालूम हुआ कि सभी युवक हरिद्वार से गंगाजल लेने आए हैं। पुलिस ने कांवडि़यों को बताया कि इस साल कांवड़ मेला स्थगित है। इसीलिए उन्हें यहां से ही वापस जाना होगा। कुछ लोगों ने वापस जाने से इनकार किया तो जीआरपी ने केस दर्ज करने के साथ ही 14 दिन हरिद्वार में क्वारंटाइन करने की चेतावनी दी। इसके बाद कांवडि़ए अपने टिकट से वापस लौट गए। कुछ लोगों को शटल बस के माध्यम से नारसन की सीमा तक भेजा गया है। जबकि कुछ लोगों को पुलिस की ओर से ही टिकट कराकर ट्रेनों से वापस भेज दिया गया। रोडवेज बसों के माध्यम से भी कांवडि़यों को हरिद्वार से लौटाया गया था। जीआरपी थानाध्यक्ष अनुज सिंह के अनुसार सभी कांवडि़यों को वापस भेज दिया गया है। किसी भी कांवडि़यों को हरिद्वार शहर में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। ट्रेनों से आने वाले कांवडि़यों के लिए शटल बस लगाई गई है। जिनसे उन्हें वापस भेजा जाएगा।

कल्याणकारी योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने का काम करें भारतीय जनता पार्टी मंडल हरिद्वार ग्रामीण उत्तर की मंडल कार्यसमिति की बैठक बहादुरपुर जट स्थित एक स्कूल परिसर में संपन्न हुई। कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए भाजपा प्रदेश महामंत्री राजू भंडारी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता मजबूती के साथ खड़े हुए हैं। आने वाले चुनाव में कार्यकर्ताओं की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा स्वच्छ भारत मिशन, धारा 370 को हटाने, प्रधानमंत्री किसान पेंशन, उज्ज्वला योजना जैसे कार्यों को जन जन तक पहुंचाने का काम करें। जिलाध्यक्ष डॉ जयपाल चैहान और जिला महामंत्री विकास तिवारी ने कहा कि उत्तराखंड में सरकार द्वारा किए गए कार्यों के दम पर भारतीय जनता पार्टी जनता के बीच जाएगी। विगत 4 वर्षों में भाजपा द्वारा अनेक कार्य किए गए हैं। जिला महामंत्री किसान मोर्चा धर्मेंद्र सिंह चैहान और मंडल अध्यक्ष विकास कुमार ने सभी कार्यकर्ता और पदाधिकारियों का स्वागत करते हुए कहा कि पार्टी द्वारा जो भी कार्यक्रम दिए जाएंगे उन्हें पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ किया जाएगा। इस अवसर पर मंडल महामंत्री सोनवीर पाल, नकली राम सैनी, सत्य कुमार, नाथीराम, चद किरण सिंह, रीमा गुप्ता, अमित चैहान, विवेक चैहान, दिनेश चैहान, डॉ मुबारक, जावेद, नरेश कश्यप आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

बी एच ई एल के उप प्रबंधक के घर चोरी

कोतवाली रानीपुर क्षेत्रान्गर्त बीएचईएल में तैनात उप प्रबंधक के क्वाटर में चोरों ने ताला तोड़कर लैपटॉप और नगदी समेत अन्य सामान गायब कर दिया। मामले में रानीपुर पुलिस ने उप प्रबंधक की शिकायत पर केस दर्ज कर लिया है। पुलिस के मुताबिक विवेक यादव पुत्र राजेश कुमार निवासी सेक्टर पांच रानीपुर हरिद्वार ने शिकायत कर बताया कि वह बीएचईएल में उपप्रबंधक के पद तैनात है और उनका आवास सेक्टर पांच में है। जहां वह अकेले रहते हैं। परिवार रेवाडी हरियाणा में रहता है। बीते कुछ दिनों से उपप्रबंधक के क्वाटर में ताला लगा हुआ था और वह अपने दोस्त के पास शिवालिक नगर रह रहे थे। घटना का पता रविवार को चला जब वह अपने क्वाटर पर पहुंचे। देखा कि दरवाजे का ताल टूटा हुआ था। अंदर से लैपटॉप, जूसर मिक्सर ग्रेन्डर, पर्स, तीन हजार की नगदी समेत अन्य सामान गायब था। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर मामले की जांच शुरू कर दी है। कोतवाली प्रभारी कुंदन सिंह राणा के अनुसार जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा।

आयुर्वेद चिकित्सकों ने विभिन्न मांगों को लेकर किया प्रदर्शन

आयुर्वेद इन्टर्न चिकित्सकों ने मानदेय वृद्धि एवं स्नात्तकोत्तर प्रवेश परीक्षा में राज्य कोटे से 85 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने और आयुर्वेद चिकित्सकों की शीघ्र अतिशीघ्र भर्ती के संबंध में धरना प्रदर्शन जारी रखा। इस दौरान जमकर नारेबाजी की गई। सोमवार को गुरुकुल आयुर्वेदिक कालेज में इन्टर्न चिकित्सको ने परिसर निदेशक को मांगों से संबंधित एक मांग पत्र सौंपा। मांग पत्र की प्रति मेल से मुख्यमंत्री को भी भेजी। दो दिन पहले ऋषिकुल आयुर्वेदिक कालेज में भी आयुर्वेद इन्टर्न चिकित्सकों ने मांगों को लेकर प्रदर्शन किया था। इन्टर्न चिकित्सकों का कहना है कि जब राज्य सरकार ने पहले से ही एलोपैथिक एवं आयुर्वेद इन्टर्न चिकित्सकों का एक समान मानदेय रखा हुआ था। सरकार ने एलोपेथिक वालों का मानदेय बढ़ाकर आयुर्वेद इन्टर्न चिकित्सकों के साथ भेदभाव बरतने का काम किया है। जिसे बर्दास्त नहीं किया जायेगा। आयुर्वेद इन्टर्न चिकित्सक भी पूर्ण ईमानदारी एवं सत्यनिष्ठा के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं। एलोपैथ के आधार पर ही आयुर्वेद चिकित्सकों का मानदेय भी बढ़ाकर सरकार मांग को पूरा करे। इन्टर्न चिकित्सकों का कहना है कि सरकार को उत्तराखंड में स्नात्तकोत्तर प्रवेश परीक्षा में 85 प्रतिशत कोटा स्थानीय परीक्षार्थियों के लिए आरक्षित रखना होगा। जिससे उत्तराखंड राज्य के परीक्षार्थियों को प्रवेश से वंचित ना होना पड़े। इन्टर्न चिकित्सकों का कहना है कि एक ओर सरकार आयुर्वेद को बढ़ावा देने का दावा कर रही है दूसरी ओर अभी तक आयुष चिकित्सकों की भर्ती शुरु नहीं की जा रही है। धरना प्रदर्शन करने वालों में डॉ कार्तिक पैन्यूली, डॉ अनिल राज, डॉ ज्योति गौतम, डॉ हैदर खान, डॉ गंगेश पुरोहित, डॉ प्रवीण कुमार आदि शामिल रहे।

अस्पताल में निशुल्क चिकित्सा शिविर
स्वामी विवेकानंद हेल्थ मिशन सोसाइटी द्वारा संचालित स्वामी रामप्रकाश चैरिटेबल हॉस्पिटल निकट अवधूत मंडल आश्रम में गत दिवस निशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा मरीजों का मुफ्त में स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। शिविर में सोनीपत से डॉ अतुल खंडेलवाल (यूरोलॉजिस्ट), करनाल से डॉ विकास ढिल्लों(नाक कान एवं गला रोग विशेषज्ञ), रुड़की से डॉ नवीन अग्रोही (ऑर्थोपेडिक सर्जन), एवं नैनीताल से डॉ पुष्पेंद्र राव (मैक्सिलोफेसिअल सर्जन) ने अपनी सेवाएं दीं। इस अवसर पर रामप्रकाश चैरिटेबल अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर संजय शाह ने बताया कि शिविर में 154 लोगों को निशुल्क परामर्श दिया गया। उन्होंने कहा कि अस्पताल में समय-समय पर निःशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन किया जाता है और आगे भी इसी प्रकार से आयोजित होता रहेगा। ताकि शहर के लोगों को इसका लाभ प्राप्त सके। उन्होंने बताया कि चिकित्सा कैंप लगाने का मुख्य उद्देश्य है कि निर्धन और असहाय लोगो को की मदद करना है।

फर्जी दस्तावेज के जरिए संस्था पर कब्जा करने के आरोपी की जमानत खारिज

श्रीभगवानदास आदर्श संस्कृत महाविद्यालय पर आपस में षड्यंत्र रच कर तैयार कराए फर्जी दस्तावेज के आधार पर संस्था पर कब्जा करने का प्रयास करने के आरोपी प्रभारी प्राचार्य की जमानत मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मुकेश चंद्र आर्य ने खारिज कर दी है।   उत्तराखंड संस्कृत विवि के पूर्व कुलपति सहित छह शिक्षाविदों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हैं। अधिवक्ता कुलवंत सिंह चैहान ने बताया कि प्राचीन अवधूत मंडल आश्रम के स्वामी रुपेंद्र प्रकाश ने कोतवाली ज्वालापुर में 14 जून 2019 में एक मुकदमा दर्ज कराया था जिसमें बताया था कि 17 नवंबर 1965 को संस्कृत, साहित्य की विभिन्न शाखाओं की शिक्षा देने, सामाजिक सेवा व धर्म प्रचार और अन्य गतिविधियों के लिए श्री भगवानदास संस्कृत महाविद्यालय की स्थापना की गई थी। स्थापना के समय प्राचीन अवधूत मंडल आश्रम के स्वामी  गुरुचरण दास, गोविन्द प्रकाश, स्वामी हंस प्रकाश, लाला भगवानदास कत्याल, हरेन्द्र कुमार कत्याल, नरसिंह दास सोन्धी व फूल स्याल को पदाधिकारी व सदस्य मनोनीत किया गया था। प्रबंधक कार्यकारिणी वर्ष 1965 से लेकर 1985 तक सुचारु रुप से कार्य करते हुए संचालन करती रही। आरोप है कि आरोपी विनय बगाई, प्रोफेसर महावीर अग्रवाल, अजय चोपडा, डा. अरविन्द नारायण मिश्र, डा. शैलेन्द्र कुमार तिवारी व डा. भोला झा ने आपस में षडयंत्र रचकर से वर्ष 2016 -17 में महाविद्यालय की समिति के संविधान (नियमावली) के विरुद्ध बिना किसी विधिक कार्यवाही के विद्यालय की मूल समिति को बदल दिया। आरोप है कि इन्होंने षड्यंत्र व दस्तावेज में कूट रचना कर संस्था पर कब्जा करने के लिए किया। आरोपी इससे अनैतिक लाभ धन प्राप्त कर रहे हैं। जांच अधिकारी उप निरीक्षक नंदकिशोर ग्वाड़ी ने जांच के बाद महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य निरंजन मिश्र पुत्र स्व. सुखदेव मिश्र निवासी कनखल हरिद्वार को अपराध में शामिल होना पाते हुए गिरफ्तार कर जेल भिजवाया था। दोनों पक्षों को सुनने के बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने आरोपी प्रभारी प्राचार्य निरंजन मिश्र की जमानत याचिका खारिज कर दी है।


*मांगो को लेकर कर्मचारियों ने कार्यबहिष्कार कर किया पूरे प्रदेश में किया धरना प्रदर्शन*

चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी संघ चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाएँ उत्तराखंड की ओर से पूर्व घोषित आंदोलन कार्यक्रम के तहत तीसरे चरण में कर्मचारियों ने चिकित्सालयों,कार्यालयों में उपस्थित लगाकर दो घंटे का कार्य बहिष्कार किया। प्रदेश अध्यक्ष दिनेश लखेड़ा प्रदेश उपाध्यक्ष नेलसन अरोड़ा, दीपक धवन प्रदेश ऑडिटर महेश कुमार ने कहा कि 14 जुलाई से कर्मचारियों का आंदोलन चल रहा है। इस बीच मंत्री,विधायक को पूरे प्रदेश में ज्ञापन देकर अपनी पीड़ा से अवगत कराया, किन्तु आज तक किसी ने भी वार्ता के लिए नही बुलाया और नही कोई ठोस कार्यवाही की गई, जिससे कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त है। प्रदेश प्रवक्ता शिवनारायण सिंह उपशाखा अध्यक्ष छत्रपाल सिंह जिला मंत्री राकेश भँवर वरिष्ठ सलाहकार अर्जुन सिंह ने कहा कि कर्मचारियों के कोविड महामारी में कार्य करने का इनाम मिला है कि अपनी मांगों के लिये आंदोलन करना पड़ रहा है कोई इस संवर्ग की सुनने वाला नहीं है। मुख्यमंत्री से अनुरोध है कि कर्मियों की पीड़ा पर ध्यान दें जिससे कर्मचारी अपने कार्य को पूर्ण मनोयोग से कर सके। कार्य बहिष्कार करने वालों में जिला, मेला, महिला,टी बी, चिकित्सालयों के अलावा सी एम ओ कार्यालय में धरना प्रदर्शन किया गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी का घेराव कर अपनी जनपद स्तर की मांगों तथा तीन कर्मचारियों जो कार्यालय में कार्यरत हैं उनको कोविड कार्य के लिए सम्मान के लिए नाम भेज दिया गया जबकि सम्मान के लिए कोविड चिकित्सालयों और चिकित्सालयों में कार्य कर रहे सफाई कर्मियों, आशा कार्यकर्ताओं, संविदा कर्मियों को मिलना चाहिए था। जिसके लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि भविष्य में इसको सुधारा जाएगा, कर्मियों की मांगों का निस्तारण10 दिवस में करने का आश्वासन दिया। प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि 27 को भी पूरे प्रदेश में कार्य बहिष्कार पर रहेंगे। 29 जुलाई को महानिदेशक कार्यालय का घेराव कर्मचारियों द्वारा किया जाएगा। इसमें आने वाली कोई भी राजकीय बाधा का उत्तरदायित्व महानिदेशालय का होगा। 30 जुलाई से बिना अन्न ग्रहण करेंगे कार्य। अगर इस दौरान किसी कर्मचारी को कुछ होता है इसका सीधे सीधे उत्तरदायित्व महानिदेशक का होगा। उपस्थिति लगाकर कार्य बहिष्कार करने वालों में शिवनारायण सिंह,राजेन्द्र तेश्वर, दीपक धवन, महेश कुमार, राकेश भँवर,मूलचंद चैधरी, शीशपाल, बद्री प्रसाद, खुशाल मणि, अजय रानी,संतोष कुमारी, सुदेश, अनिता, ममता,रजनी, पूनम, मुकेश, सुखपाल सिंह सैनी, पप्पू सैनी,अवनीश, पवन, सुरेश, दुर्गा, पंकज,कमल, कामेंद्र, अर्जुन सिंह, धर्म सिंह दिनेश लखेड़ा आदि शामिल रहे।


ब्राह्मणों को नेता नहीं, नीति की जरूरत- पंडित जुगल किशोर तिवारी

आज ब्राह्मणों को नेता की नहीं,बल्कि नीति की जरूरत है। क्योंकि जिन्हें हम चुनकर भेजते हैं,वह पार्टी का पिछलग्गू बन कर रह जाता है। ब्राह्मण समाज का हित उसके लिए गौण होकर रह जाते हैं। इसीलिए आज हमें नीति की जरूरत है। उक्त विचार अखिल भारतीय ब्राह्मण एकता परिषद, उत्तराखंड इकाई द्वारा आयोजित “विप्र गौष्ठी” में मुख्य वक्ता के रूप में परिषद के संरक्षक पंडित जुगलकिशोर तिवारी ने रखते हुए कहा कि आज हमें पिछलग्गू बनने की प्रवृति छोड़नी होगी, क्योंकि पिछलगू का समाज व राजनीति में कोई महत्व नही होता। आज सभी राजनीतिक दल व जातियां ब्राह्मणों के वजूद को मिटाने में तुले हुए हैं। किसी भी दल में ब्राह्मण के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाये जाने कल्पना भूल जाइए। जब तक ब्राह्मणों का अपना झंडा व डंडा नही होगा, तब तक कुछ भला होने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि हमें मजबूत वोट बैंक के रुप में स्थापित होना ही होगा। यदि हमें अपना वजूद कायम रखना है तो एकता कायम करनी होगी। आज हर कोई ब्राह्मणों को अपमानित करने पर तुला हुआ है। इसके लिए हमें दो सेक्टर मीडिया व वकालत के पेशे में सक्रिय होना ही होगा। श्री तिवारी ने ब्राह्मण युवकों को आह्वान किया कि वे नॉकरी की बजाय व्यवसाय की ओर बढ़ें, वर्तमान शिक्षा को अपनाए, तकनीकी शिक्षा को प्राथमिकता दें। उन्होंने कहा कि हमें अपनी पहचान व मूल संस्कारो की रक्षा हेतु भी कटिबद्ध रहना होगा। भगवान परशुराम जी के आदर्शों पर चलते हुए अपनी जाति व धर्म की रक्षा करनी होगी। हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण के सचिव डाॅ0 ललित नारायण मिश्रा ने कहा कि हमें नॉकरी के साथ साथ छोटा मोटा व्यवसाय भी करना चाहिए। संस्थान व व्यवसाय का नाम जातिसूचक रखना चाहिए ताकि हमारी सामाजिक पहचान कायम हो सके। गौष्टी को प्रदेश अध्यक्ष पंडित मनोज गौतम, संयोजक पंडित बाल  कृष्ण शास्त्री, प्रदेश महामंत्री डॉ. वी डी शर्मा, प्रदीप शर्मा, रवि मिश्रा आदि ने सम्बोधित किया। बैठक में राष्ट्रीय संरक्षक पंडित जुगल किशोर तिवारी ने प्रदेश संयोजक के पद पर बालकृष्ण शास्त्री के स्थान पर रिटायर डीएसपी जे.पी.जुयाल के नाम की धोषणा की। बालकृष्ण शास्त्री को परिषद के मार्गदर्शक मंडल में लेने की घोषणा की। इस अवसर पर लक्ष्मी त्रिपाठी, अवनीश मिश्रा,राजेश मिश्रा, ललित मिश्रा, प्रदीप शर्मा, युगल किशोर पाठक, मनोज शुक्ला,बी. के.त्रिपाठी, रवि मिश्रा, राज तिवारी, अनुराग कौशिक, विकास प्रधान, अमित शर्मा उपस्थित रहे।


राज्य के लिए लंबा संघर्ष किया गया परन्तु आज भी पहाड़ विकास से दूर हैःजुगरान

उत्तराखण्ड आंदोलनकारी एवं पूर्व दर्जाधारी राज्यमंत्री रविन्द्र जुगरान ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य के लिए लंबा संघर्ष किया गया। राज्य बना परन्तु यह आंदोलनकारियों के सपनों का राज्य नहीं बन सका है। हमने संघर्ष किया है तथा यहां की जनता, युवा एवं अन्य लोगों के लिए संघर्ष करते रहेंगे। श्री जुगरान राजकीय प्राथमिक शिक्षक एसोसिएशन हरिद्वार के वार्षिकोत्सव कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। प्रेस क्लब सभागार में एसोसिएशन के वार्षिकोत्सव समारोह में विशिष्ट बीटीसी शिक्षकों के प्रशिक्षण संबंधी समस्या के निस्तारण में अहम भूमिका निभाने वाले राज्य आंदोलनकारी रविन्द्र जुगरान का अभिनन्दन किया गया तथा ब्लॉक स्तर पर उम्दा काम करने वाली कार्यकारिणी को भी स्मृति चिह्न आदि देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करने हुए पूर्व दर्जाधारी रविंद्र जुगरान ने कहा कि यह अत्यन्त खेद का विषय था कि 16 हजार 500 शिक्षक जो पूर्ण वेतन प्राप्त कर रहे थे सरकार की हिलाहवाली के कारण उनके सामने नौकरी गंवाने का संकट आन पड़ा था। शिक्षकों के लिए संघर्ष किया गया तथा उसका सकारात्मक परिणाम सामने आया। श्री जुगरान ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य के लिए लंबा संघर्ष किया गया परन्तु आज भी पहाड़ विकास से दूर हैं। उन्होने कहा कि वह आम जन की समस्याओं के निस्तारण के लिए सदैव संघर्ष करेंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे संरक्षक घनश्याम सिंह ने कहा कि एसोसिएशन का गठन शैक्षिक उन्नयन एवं शिक्षकों की समस्याओं के निराकरण के लिए हुआ है जिसमें एसोसिएशन प्रगतिशील है। जिलाध्यक्ष जितेन्द्र सिंह ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि एसोसिएशन पारदर्शी व्यवस्था की समर्थक है तथा शिक्षकों के लिए परिवार की भांति कार्य करेगी। इस अवसर पर अजय कुमार चैहान, श्रीमती मधु उपाध्याय ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम के दौरान रविन्द्र जुगरान को गंगाजली, शॉल एवं प्रतिक चिह्न प्रदान कर उनका अभिनन्दन किया गया। इस अवसर पर श्री जुगरान ने अच्छा कार्य करने के लिए खानपुर सहित अन्य ब्लॉक कार्यकारिणी को स्मृति चिह्न प्रदान किये। महामंत्री दर्शन सिंह पंवार द्वारा एक वर्ष की उपलब्धियों को सदन के सामने रखा गया। कार्यक्रम का संचालन जिला उपाध्यक्ष डॉक्टर शिवा अग्रवाल ने किया। इस अवसर पर वरिष्ठ उपाध्यक्ष गोपाल भट्टाचार्य ,जिला कोषाध्यक्ष राजेश कुमार,शरद भारद्वाज, तेज प्रकाश, रवि कुमार गोस्वामी, नगर अध्यक्ष मनोज सहगल, लक्सर अध्यक्ष अमरक्रांति,मंत्री चंद्रकांत बिष्ट, बहादराबाद के अध्यक्ष अमरीश चैहान मंत्री नरेंद्र मैठानी, खानपुर के अध्यक्ष प्रमोद अधाना मंत्री परविंद्र गुप्ता, रुड़की अध्यक्ष गेंदा सिंह मंत्री नरेंद्र सैनी भगवानपुर अध्यक्ष अवनीस सैनी,मंत्री सुशील सहगल, नारसन अध्यक्ष हरवीर सिंह एवं मंत्री अनिल कुमार,कुंवर सिंह, इसम सिंह, अश्विनी कुमार, कुशाल सिंह,कुलदीप सिंह श्रीमती संजय कुमारी, निर्मला मैठाणी, नीलम, नीतू, श्रीमती रमा वैश सहित विभिन्न शिक्षक उपस्थित थे।


* श्रावण मास में भोले शंकर की पूजा का विशेष महत्व रविंद्रपुरी महाराज

मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष और पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के सचिव श्री महंत रवींद्र पुरी ने बताया कि शास्त्रों में श्रावण का महीना भगवान शिव का प्रिय माह हैं। उन्होंने बताया कि इस बार श्रावण मे 4 सोमवार पड रहे है। पुराणों के अनुसार श्रावण में भोले शंकर की पूजा, अभिषेक, शिव स्तुति, मंत्र जाप का खास महत्व है। खासकर सोमवार के दिन महादेव की आराधना से शिव और शक्ति दोनों प्रसन्न होते हैं। वहीं इनकी कृपा से दैविक, दैहिक और भौतिक कष्टों से मुक्ति मिलती है। इसके अलावा इन्हीं के आशीर्वाद से निर्धन को धन और निःसंतान को संतान की प्राप्ति होती है। कुंवारी कन्याओं को मनचाहा वर मिलता है। श्री महंत रविंद्र पुरी ने कहा कि श्रावण मास में प्रत्येक सोमवार का विशेष महत्व है। सामान्यतः सावन में चार सोमवार होते हैं, लेकिन कभी कभी पांच सोमवार भी आते हैं। सभी सोमवार की पूजा के लिए मंत्र अलग-अलग हैं। मान्यता है कि नियमपूर्वक पूजा करने से भगवान शंकर की कृपा हमेशा भक्तों पर बनी रहती है। ऐसे में इस बार भी श्रावण में चार सोमवार ही पड़ रहे हैं। श्रावण के पहले सोमवार को महामायाधारी भगवान शिव की आराधना की जाती है। पूजा क्रिया के बाद शिव भक्तों को ‘ऊं लक्ष्मी प्रदाय ह्री ऋण मोचने श्री देहि-देहि शिवाय नमः का मंत्र 11 माला जाप करना चाहिए। इस मंत्र के जाप से लक्ष्मी की प्राप्ति, व्यापार में वृद्धि और ऋण से मुक्ति मिलती है। भगवान शिव का गंजा जल, दूध, शहद, घी, शर्करा व पंचामृत से बाबा भोले का अभिषेक कर वस्त्र, यज्ञो पवित्र, श्वेत और रक्त चंदन भस्म, श्वेत मदार, कनेर, बेला, गुलाब पुष्प, बिल्वपत्र, धतुरा, बेल फल, भांग आदि चढ़ायें। उसके बाद घी का दीप उत्तर दिशा में जलाएं। पूजा करने के बाद आरती कर क्षमार्चन करें।