स्मैक के साथ ना थाना सिडकुल पुलिस ने 9 ग्राम स्मैक के साथ एक युवक और एक नाबालिग को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपियों के पास से स्मैक के साथ 6970 रुपये भी बरामद किए हैं। नाबालिग आरोपी को पुलिस ने बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया है। पुलिस के अनुसार थाना पुलिस की ओर से दरोगा दरोगा मनीष नेगी, कांस्टेबल कर्म सिंह, निलय यादव मंगलवार रात को चेकिंग कर रहे थे। राजा बिस्कुट चैक के पास पहुंचते ही पुलिस को सूचना मिली कि सम्राट मार्केट के सामने बनी झुग्गी झोपड़ी में दो लड़के खड़े हैं। जो स्मैक बेचने का काम करते हैं। सूचना मिलते ही मौके पर पहुचकर पुलिस ने दोनों को पकड़ लिया। तलाशी के दौरान पुलिस को दोनों की जेब से पुलिस को स्मैक मिली। पूछताछ में युवक ने अपना नाम आशु पुत्र सिया चंद्र निवासी मोहल्ला शिव मंदिर रावली महदूद बताया। आरोपी आशु के पास से पुलिस को 4.75 ग्राम स्मैक मिली। जबकि नाबालिग आरोपी की जेब से पुलिस को 4.25 ग्राम स्मैक मिली। एक आरोपी ने बताया कि स्मैक को बरेली से ला रहे हैं, जबकि दूसरे आरोपी ने गढ़ीमरपुर निवासी एक व्यक्ति का नाम लिया है। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है। एसओ लखपत सिंह बुटोला के अनुसार आरोपी को जेल भेज दिया गया है। एक आरोपी नाबालिग है।
*कोर्ट के आदेश पर नाबालिग के साथ दुष्कर्म के मामले में माॅ बेटे के खिलाफ मुकदमा दर्ज*
कनखल थाना पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर थाना क्षेत्र से 15 वर्षीय नाबालिग को बहला-फुसलाकर ले जाने व उसके साथ दुष्कर्म करने के मामले में एक युवक और उसकी मां के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। नाबालिग की ओर से दुष्कर्म का आरोप युवक पर लगाया गया है। पुलिस के मुताबिक थाना क्षेत्र के एक महिला ने कोर्ट में शिकायत कर बताया कि 11 मार्च को एक युवक उनकी बेटी को जबरन ले गया। जहां उसके साथ उसने दुष्कर्म किया। आरोप यह भी लगाया कि आरोपी की मां भी इस मिलीभगत में शामिल थी। पुलिस में शिकायत देने के बाद भी कोई कार्रवाई नही होने पर महिला ने कोर्ट में शिकायत की। मामले में कोर्ट से आदेश होने के बाद पुलिस ने आरोपी जीतपाल पुत्र बालचंद और राधा देवी पत्नी बालचंद निवासीगण अलियापुर मेरठ के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। पुलिस के अनुसार मामले की जांच की जा रही है।
*चरस रखने के आरोपी की जमानत याचिका खारिज*
चरस रखने के आरोपी युवक की जमानत याचिका विशेष न्यायाधीश एनडीपीएस एक्ट तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश संजीव कुमार ने खारिज कर दी है। शासकीय अधिवक्ता कुशलपाल सिंह चैहान ने बताया कि 25 जून 2021 को कोतवाली रानीपुर पुलिस ने चेकिंग के दौरान सुमन नगर स्थित नौगजा पीर के पास से एक संदिग्ध व्यक्ति को पकड़ा था जिसके पास चरस होने का संदेश था। आरोप लगाया है कि पुलिस को आरोपी पप्पू की तलाशी लेने उसके पास से 400 ग्राम चरस बरामद हुई थी। रानीपुर पुलिस ने आरोपी पप्पू पुत्र महेंद्र सिंह निवासी ग्राम पूरनपुर साल्हापुर कोतवाली रानीपुर को गिरफ्तार जेल भिजवा दिया था। मामले की सुनवाई करने के बाद न्यायालय ने आरोपी पप्पू की जमानत याचिका खारिज कर दी है।
*आज की महिलाओं को जगाने, आगे बढ़ाने हेतु प्रोत्साहन सहयोग की जरूरत*- राज्यपाल
गायत्री तीर्थ शांतिकुंज की पहलस्वर्ण जयंती मौके पर आयोजित स्वर्ण जयंती व्याख्यानमाला में नारी सशक्तिकरण विषय आनलाइन संगोष्ठी हुई। संगोष्ठी की मुख्य वक्ता देवभूमि उत्तराखण्ड की राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य जी रहीं। अपने आनलाइन संबोधन में राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य जी ने कहा कि यह समय इतिहास दोहराने का है। जिस तरह प्राचीन काल में नारियाँ ऋषिकाएँ के रूप में त्याग, सेवा, तप, ज्ञान, संस्कार के रूप में अग्रणी रही। उसी तरह आज की महिलाओं को जगाने, आगे बढ़ाने हेतु प्रोत्साहन सहयोग की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मेरा आदर्श प्राचीन ऋषिकाएँ-अनुसूया, सती सावित्री आदि रहीं हैं। उन्होंने कहा कि नारी को इस तरह सक्षम बनाये जाना चाहिए कि वह किसी भी समस्या-परिस्थिति में झूकें नहीं, वरन् उसके समाधान निकालने के लिए खड़ी हो। नारी सशक्तिकरण ऐसा होनी चाहिए। मुझे बहुत खुशी है कि गायत्री परिवार नारियों के सशक्तिकरण की दिशा में महत्त्वपूर्ण कार्य कर रहा है। माननीय राज्यपाल जी ने अपने जीवन की घटनाओं को याद करते हुए गायत्री परिवार के संस्थापक युगऋषि पं. श्रीराम शर्मा आचार्य एवं माता भगवती देवी शर्मा जी के महान कार्यों का उल्लेख किया। इस अवसर पर श्रीमती मौर्य जी ने एकल परिवार के स्थान पर संयुक्त परिवार की वकालत की। इस अवसर पर देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या जी ने कहा कि इन दिनों एक तरफ जहाँ समाज समस्याओं से जूझता दिखाई दे रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ हिमालयवासी ऋषिसत्ता सृजन के लिए तैयार दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि नारकीय पशुतापूर्ण जीवन जीने का मुख्य कारण संवदेना का सूखापन है। इस बीच युगऋषि पूज्य आचार्यश्री जी के सूत्रों पर चलते हुए अखिल विश्व गायत्री परिवार समाज में भावनात्मक पोषण देने का जो कार्य कर रहा है, उससे अनेकानेक लोगों में संवेदनाएँ जाग रही हंै और ऐसे लोग पीडि़त एवं जरूरतमंदों की निःस्वार्थ भाव से सेवा कार्य में जुटे हैं। उन्होंने कहा कि शांतिकुंज अपनी योजनाओं, कार्यक्रमों में नारियों को प्रमुखता से स्थान देता रहा है। शांतिकुंज में हवन, संस्कार आदि कराने की जिम्मेदारी भी बहिनें ही संभालती हैं। व्याख्यानमाला के अंत में राष्ट्रीय जोनल समन्वयक डॉ. ओपी शर्मा ने सभी का आभार प्रकट किया। इस अवसर पर देश के विभिन्न राज्यों की बहिनें एवं नारी सशक्तिकरण के क्षेत्र में कार्य करने वाले परिजनों ने भाग लिया।