बड़ी खबर: छात्रवृत्ति घोटाले के निलंबित समाज कल्याण अधिकारी को एसआईटी ने दिल्ली से दबोचा, गिरफ्तारी के डर से काफी समय से फरार आरोपी ने करोड़ो रुपए की धनराशि गैरकानूनी ढंग से बांटी थी?

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दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाले में विशेष जांच दल (एसआइटी) ने उत्तराखंड में 59 मुकदमों में वांछित निलंबित जनजाति कल्याण निदेशालय के उप परियोजना निदेशक अनुराग शंखधर को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया है। अनुराग शंखधर देहरादून और हरिद्वार में जिला समाज कल्याण अधिकारी रह चुके है। आरोपित के खिलाफ हरिद्वार जिले में 11, देहरादून जिले में चार और उधमसिंह नगर जिले में 44 मुकदमे दर्ज हैं। आरोप है कि शंखधर ने 22 शैक्षणिक संस्थानों को 22 करोड़, 69 लाख रुपये छात्रवृत्ति आवंटित की थी। एसआइटी प्रभारी मंजुनाथ टीसी ने बताया कि जिला हरिद्वार और देहरादून में कुछ शैक्षणिक संस्थानों की ओर से अनुसूचित जाति व जनजाति के छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति के नाम पर कई संस्थानों समाज कल्याण विभाग से करोड़ों रुपये की धनराशि वसूल ली। एसआइटी ने हरिद्वार और देहरादून जिले के 135 शैक्षणिक संस्थानों की जांच की थी।  इसके बाद जिला हरिद्वार में 51 और देहरादून में 32 मुकदमे दर्ज किए गए। उन्होंने बताया कि जांच में शंखधर हरिद्वार में दर्ज 11 व देहरादून में दर्ज चार मुकदमों में संलिप्तता पाई गई। एसआइटी प्रभारी के अनुसार अनुराग शंखधर के खिलाफ शासन ने जिला हरिद्वार के 10 व देहरादून के एक मुकदमे में विवेचना की अनुमति दे दी है। उन्होंने बताया कि आरोपित को अपना पक्ष रखने के लिए कई बार नोटिस दिए गए, लेकिन वह एसआइटी के समक्ष उपस्थित नहीं हुआ और गिरफ्तारी से बचने के लिए लगातार छिपता रहा। शंखधर की गिरफ्तारी के लिए चार सदस्यीय विशेष टीम गठित की गई थी। मंजूनाथ टीसी ने बताया कि अनुराग शंखधर के खिलाफ पूर्व में एक मुकदमे में चार्जशीट भी दाखिल हो चुकी है।