ब्रह्मलीन महंत नरेंद्र गिरि मजबूत आत्मविश्वास वाले व्यक्तित्व आत्महत्या नहीं कर सकते ? मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग

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हरिद्वार (मनोज खन्ना)- स्वामी वामदेव की संगमरमर की मूर्ति आस्था पथ पर लगाई जाएगी। यह जानकारी अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी जितेन्द्रानंद ने बुधवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से वार्ता के दौरान दी। उल्लेखनीय है कि अखिल भारतीय संत समिति के फाउंडर अध्यक्ष स्वामी वामदेव की फाइबर की प्रतिमा भूपतवाला में नेशनल हाईवे के निकट एक स्थान पर लगाई गई थी। नेशनल हाईवे के विस्तारीकरण के बाद वह मूर्ति वहां से हटा दी गई। जिस कारण अखिल भारतीय संत समिति ने इस मूर्ति को आस्था पथ पर लगाने का निर्णय लिया। बताया कि 26 सितंबर को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वामी वामदेव की मूर्ति का अनावरण करेंगे। अखिल भारतीय संत समिति के अध्यक्ष स्वामी जितेंद्रानंद ने नरेंद्र गिरी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा नरेंद्र गिरी जी बहुत ही मजबूत आत्मविश्वास और इच्छाशक्ति के संत थे वह आत्महत्या नहीं कर सकते। अखिल भारतीय संत समिति का आधिकारिक तौर पर मानना है कि जो व्यक्ति हस्ताक्षर करने में भी समय लगाता था वह व्यक्ति कैसे 7-8 पृष्ठ का सुसाइड लेटर लिख सकता है। यह एक षड्यंत्र है इसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए। ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके। स्वामी नरेंद्र गिरी का निधन एक एक बहुत बड़ा और लंबा सवाल छोड़ गया है इस सवाल का जवाब तभी मिल सकता है जब इसकी उच्च स्तरीय जांच हो। स्वामी जितेन्द्रानंद आज प्रेस क्लब में पत्रकारों से बात करते हुए स्वामी नरेंद्र गिरी के निधन पर शोक प्रकट करते हुए बोल रहे थे। एक सवाल के जवाब में स्वामी जितेंद्र नंद ने कहा कि संतो को कंचन, कामिनी और कंक्रीट के जंगलों से दूरी ही इस तरह की आत्महत्या और हत्याकांड से दूर रखेगी। वार्ता के दौरान अखिल भारतीय संत समिति के उत्तराखंड अध्यक्ष डॉक्टर जसविंदर शास्त्री, डॉ श्याम दास, राजेंद्र दास, मनमोहन दास, अरुण दास ,नितिन गौतम, राकेश बजरंगी आदि मौजूद थे।