*कृषि मंत्री ने किया तीन दिवसीय “अंतरराष्ट्रीय मशरूम महोत्सव कुंभ हरिद्वार “का शुभारंभ*
कृषि एवं कृषक कल्याण सुबोध उनियाल ने कहा कि पहाड़ों से निरन्तर पलायन हो रहा है, हमें स्वरोजगार की सम्भावनाओं को बढ़ाना होगा। उन्होंने कहा कि मशरूम के क्षेत्र का विस्तार करके पलायन को रोका जा सकता है, जिससे हमारी सीमायें भी सुरक्षित रहेंगी तथा लोगों को रोजगार भी उपलब्ध होगा। श्री उनियाल सोमवार को आजादी के अमृत महोत्सव के अन्तर्गत ऋषिकुल राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय के आडिटोरियम में उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा आयोजित तीन दिवसीय ’’अन्तर्राष्ट्रीय मशरूम महोत्सवः खुम्ब हर द्वार’’ का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारम्भ करने के बाद संबोधित कर रहे थे। उन्होने कहा कि उत्तराखण्ड में पहली बार अन्तर्राष्ट्रीय मशरूम महोत्सव का आयोजन हो रहा है। इस कार्यक्रम में न्यूजीलैण्ड, जापान, मलेशिया, थाईलैण्ड के मशरूम विशेषज्ञ वर्चुअल रूप में जुडेगे। उन्हांेने कहा कि जमीन आज निरन्तर कम होती जा रही है, इसलिए कम जमीन पर अधिक उत्पादन करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि मशरूम के लिए पर्वतीय क्षेत्र की जलवायु बहुत अच्छी है। इसलिए पर्वतीय क्षेत्रों में मशरूम के उत्पादन को बढ़ाने के लिए हमें हर सम्भव प्रयास करने होंगे। मंत्री जी ने कहा कि हमें मशरूम उत्पादन के साथ-साथ उसके पैकिंग पर भी ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि हमने हरिद्वार जनपद को मशरूम जनपद के रूप में घोषित किया है। श्री उनियाल ने युवाओं का आह्वान किया कि वे रोजगार मांगने के बजाए, रोजगार देने वाले बनें। उन्होंने कहा कि अगर आप अपना काम करना शुरू कर देंगे, तो नौकरी से भी अच्छी आय प्राप्त हो सकती है। उन्होंने कहा कि आज कलक्टिव फार्मिंग की आवश्यकता है तथा कलस्टर अवधारणा को भी हमें मजबूत करना है। उन्होंने कहा कि मशरूम हमारी इम्युनिटी को बढ़ाने में काफी मदद करता है। उन्होंने कहा कि मशरूम के क्षेत्र में अपार सम्भावनाएं हैं। सुबोध उनियाल ने कहा कि उत्तराखण्ड को मशरूम उत्पादन में पहले नम्बर पर लाना है। इसमें सरकार का पूरा सहयोग रहेगा। हम उत्तराखण्ड के मशरूम को दुनिया भर में स्थापित करेंगे, जिसमें मशरूम ग्रोव तथा उद्यान विभाग की महत्वपूर्णं भूमिका होगी। सचिव कृषि एवं कृषक कल्याण डॉ0 आर0 मीनाक्षी सुंदरम ने कहा कि उद्यान विभाग ने बहुत ही कम समय में पहले एप्पल महोत्सव का आयोजन किया एवं अब मशरूम महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। श्री सुंदरम ने कहा कि मशरूम नेचर की खूबसूरत आर्ट है। उन्होंने कहा कि मशरूम उत्पादन उत्तराखण्ड में काफी विकसित हो गया है। मशरूम महोत्सव के सत्रों में स्थानीय साइंस के बारे में भी विचार विमर्श किया जाएगा। अपर सचिव कृषि एवं कृषक कल्याण डॉ0 राम विलास यादव ने कहा कि स्वरोजगार, पलायन को रोकने, कृषक की आय को दोगुना करने आदि में मशरूम उत्पादन का बहुत बड़ा योगदान हो सकता है। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए निदेशक उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण हरमिन्दर बवेजा ने ‘‘मशरूम का क्या भविष्य है’’ विषय पर बोलते हुए कहा कि विश्व में मशरूम की लगभग 65 प्रजातियां हैं, लेकिन अभी केवल 07 प्रजातियों पर ही कार्य हो रहा है। उन्होंने कहा कि गुच्छी मशरूम स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा होता है। उन्हांेने कहा कि मशरूम महोत्सव में हम मार्केटिंग की समस्या पर भी चर्चा करेंगे। उन्हांेने कहा कि उत्तराखण्ड में पलायान को रोकने में मशरूम की विशेष भूमिका हो सकती है। उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश है कि मशरूम की सप्लाई चेन विकसित की जाए। मशरूम ग्रोवर एसोसिएशन के मनमोहन भारद्वाज ने बताया कि मशरूम उत्पादन का कार्य बहुत कम पूंजी एवं छोटे स्तर पर भी शुरू किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जनपद हरिद्वार में ‘‘वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट’’ के अंतर्गत मशरूम उत्पादन की अपार सम्भावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि मशरूम एक ऐसा प्रोडक्ट है जो आय का काफी अच्छा स्रोत है। उन्होंने बताया कि बुग्गावाला में हमारा मशरूम प्लांट काफी अच्छा चल रहा है। ग्रोवर एसोसिएशन के हिरेशा वर्मा ने कहा कि मुझे पहले मशरूम के बारे में कुछ भी जानकारी नहीं थी। मैंने मात्र 200 रूपये में मशरूम उत्पादन शुरू किया था, आज हमारा प्लांट 2000 टन मशरूम उत्पादन कर रहा है। ब्रांड अम्बेसडर मशरूम, दिव्या रावत ने इस अवसर पर कहा कि हम इस क्षेत्र में पिछले आठ वर्षों से कार्य कर रहे हैं। यह हमारे रोजगार का साधन है। हम उत्तराखण्ड के अतिरिक्त मेघालय आदि अन्य राज्यों में भी मशरूम के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि हमारी कम्पनी सौम्या फूड कम्पनी के नाम से चल रही है, जिससे 15000 लोग जुड़े हैं। उद्घाटन समारोह में कृषक मंत्री ने विभिन्न स्टालों का भी बहुत बारीकी से निरीक्षण किया। इस मौके पर निदेशक बागवानी मिशन संजय श्रीवास्तव, अपर निदेशक उद्यान एवं खाद्य प्रसंकरण डॉ0 जगदीश चन्द्र केम, संयुक्त निदेशक डॉक्टर रतन कुमार, संयुक्त निदेशक डॉक्टर हरीश चंद्र तिवारी, मुख्य उद्यान अधिकारी हरिद्वार नरेन्द्र यादव सहित उद्यान विभाग के अधिकारीगण, मशरूम ग्रोवर आदि उपस्थित थे।