पुलिस अब इंटरनेट मीडिया के मध्यम से अपराधियों की घेराबंदी करेगी। पहली बार उत्तराखंड पुलिस ने एक ऐसा टेलीग्राम पर ग्रुप बनाया है, जिसमें पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश, हिमाचल और दिल्ली के साथ ही पंजाब व हरियाणा के पुलिस अधिकारियों को जोड़ा गया है। ग्रुप का नाम ‘हम पक्षी एक डाल के’ दिया गया है।
टेलीग्राम पर बनाए गए ग्रुप का उद्देश्य पुलिस के बीच आपसी तालमेल बेहतर करने के साथ ही अपराधियों की घेराबंदी करनी है। इस ग्रुप पर सूचनाओं का आदान-प्रदान कर पुलिस अंतरराज्यीय अपराधियों को पकडऩे की कोशिश करेगी। अक्सर देखा जाता है कि पंजाब व उत्तर प्रदेश के अपराधी वारदात के बाद उत्तराखंड में आसानी से शरण ले लेते हैं।ऊधमसिंह नगर में पूर्व की पुलिस की कार्रवाई इसकी सत्यता प्रमाणित करती है। ऐसे में अब ग्रुप के माध्यम से संबंधित अपराधी के बारे में अलर्ट के साथ जानकारी मुहैया हो सकेगी। इससे कार्रवाई में भी आसानी होग। हल्द्वानी कोतवाल अरुण कुमार सैनी ने बताया कि ग्रुप पर 2912 सदस्य हैं। इसमें उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, झारखंड, पश्चिम बंगाल, मुंबई समेत कई राज्यों के पुलिस अधिकारी व कर्मचारियों को सम्मलित किया गया है। ऐसे तालमेल बैठाकर पकड़े जाएंगे अपराधी
किसी भी राज्य में अपराध के बाद आरोपित के फरार होने पर पुलिस उसकी सूचना ग्रुप पर डाल देगी। इसके लिए आसपास के पुलिस कर्मियों को अलर्ट कर दिया जाएगा। आरोपित की फोटो ग्रुप पर डालकर उस पर नजर रखने के लिए अनुरोध किया जाएगा। यदि आरोपित पकड़ा गया तो पुलिस उसे पकड़कर संबंधित राज्य की पुलिस को अवगत कराएगी।
हल्द्वानी से कोतवाल अरुण कुमार सैनी ग्रुप में शामिल हैं। उनके द्वारा पिछले 10 दिनों में तीन राज्यों की पुलिस की मदद की गई है। मध्य प्रदेश के दो हजार की इनामी को पकड़वाने के साथ ही मुंबई में चार लाख की चोरी का आरोपित व बाराबंकी से लापता युवती को बरामद कराने में वहां की पुलिस की मदद की। डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि इस तरह का ग्रुप बनाने के लिए उत्तराखंड के पुलिस कर्मी बधाई के पात्र हैं। अपराधियों की घेराबंदी के लिए एक साथ मिलकर काम करने की जरूरत भी है(ग.स.)