ब्रह्मलीन गीतानंद जी महाराज की 17वी पुण्यतिथि

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*राष्ट्र संत थे स्वामी गीतानंद जी *-महामंडलेश्वर अवशेषानंद महाराज
राष्ट्रसंत थे स्वामी गीतानंद जी-महामंडलेश्वर डॉ अवशेषानन्द महाराज
वृंदावन/हरिद्वार। राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन गीतानंद जी महाराज की 17वी पुण्यतिथि उनके वृंदावन स्थित गीता आश्रम में मनाई गई। श्रद्वांजलि समारोह में उत्तराखंड हाई कोर्ट के पूर्व जज सर्वेश कुमार गुप्ता ने कहा कि पूज्य गीतानंद जी महाराज के बताए रास्ते से ही राष्ट्र सेवा सनातन धर्म संत और गौ सेवा के क्षेत्र में अतुलनीय कार्य हो सकता है। गीतानंद जी महाराज ने जीवंत इन सेवा कार्य में योगदान दिया। अब उनके प्रकल्प देश भर में जहां भी है वह इस सेवा में लगे हुए हैं। गीता आश्रम के प्रमुख एवं महामंडलेश्वर डॉ अविषेशानंद जी महाराज ने कहां कि गीतानंद जी महाराज के विचार थे कोई भी भूखा ना सोए। उन्होंने राष्ट्र सेवा संत सेवा एवं गौ सेवा के लिए अतुलनीय योगदान दिया। आज भी महाराज जी के जहां भी प्रकल्प हैं वहां इन सेवा कार्य में लगे हुए हैं। इस अवसर पर धर्माचार्य फूलडोल बिहारी दास जी महाराज, धर्माचार्य गोविंद आनंद तीर्थ जी, धर्माचार्य राजा बाबा, धर्माचार्य नवल गिरी जी महाराज, महेशानंद सरस्वती,सुंदर दास, नगर निगम के उपसभापति राधा कृष्ण पाठक, राष्ट्रीय यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट इंडिया के राष्ट्रीय सचिव व्रज, प्रेस क्लब के अध्यक्ष , उपमन्यु एडवोकेट, रालोद के राष्ट्रीय प्रवक्ता पंडित योगेश द्विवेदी, डॉक्टर विनोद बनर्जी, भागवताचार्य अनुराग कृष्ण पाठक, स्वामी सच्चिदानंद महाराज, बिहारीलाल वशिष्ठ, आचार्य बद्रीश महाराज, स्वामी राजेश्वरानंद महाराज,स्वामी भानु देवानंद महाराज, साध्वी नंदनी गिरी, साध्वी विमल किशोरी,आचार्य निर्मल महाराज, आचार्य डॉक्टर कृष्ण मुरारी,सुनील पांडे, रामेश्वर गौड, सेवानंद ब्रह्मचारी, भागवत आचार्य विमल, दर्शन लाल वभेचा, सुरेश चंद्र मंगला, वीरेंद्र मित्तल, रमेश कुमार शर्मा, संचालन रामजीवन शर्मा ने किया।