उत्तराखंड में अब विद्यालयी शिक्षा में गुणात्मक सुधार तो होगा ही, निजी विद्यालयों में मनमानी फीस पर अंकुश लगने के साथ ही निगरानी व्यवस्था दुरुस्त होगी। सरकार ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) को राज्य विद्यालय मानक प्राधिकरण (एसएसएसए) के रूप में नामित किया है। शासन ने इस सिलसिले में आदेश भी जारी कर दिए हैं।
उत्तराखंड सरकार राज्य में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को पहले ही अंगीकृत कर चुकी है। नई नीति में विद्यालयी शिक्षा में गुणात्मक संवद्र्धन पर विशेष जोर दिया गया है। इसी कड़ी में सरकार ने अब राज्य में राज्य विद्यालयी मानक प्राधिकरण का गठन किया है। यह प्राधिकरण स्कूलों की व्यवस्था में सुधार के लिए नए नियम भी बना सकेगा। साथ ही निजी स्कूलों में मनमाने ढंग से लिए जाने वाले शुल्क पर अंकुश लगाने को कदम उठा सकेगा। जाहिर है कि इससे अभिभावकों की जेब पर चलने वाली कैंची पर विराम लगेगा। इसके अलावा प्राधिकरण सभी विद्यालयों की निरंतर निगरानी करेगा। साथ ही बाल संरक्षण आयोग के दिशा-निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करा सकेगा। यही नहीं, व्यवस्था में सुधार के लिए प्राधिकरण नवोन्मेष पर भी जोर देगा(GS)