विद्वान और तपस्वी संत थी ब्रह्मलीन साध्वी प्रेम दर्शनानंद -स्वामी ऋषिश्वरानंद

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श्री चेतन ज्योति आश्रम के अध्यक्ष स्वामी ऋषिश्वरानंद महाराज ने कहा है कि देश को उन्नति की ओर अग्रसर करने में महिला संतों की भी अहम भूमिका है। जो अपने त्याग एवं बलिदान से समाज को प्रेरणा प्रदान कर रहे हैं। भूपतवाला स्थित श्री नगली बेला आश्रम में ब्रह्मलीन साध्वी प्रेम दर्शनानंद महाराज के निर्वाण दिवस के अवसर पर श्रद्धालु संगत को संबोधित करते हुए स्वामी ऋषिश्वरानंद महाराज ने कहा कि मातृशक्ति द्वारा दी गई प्रेरणा समाज का अनंत काल तक मार्गदर्शन करती है। ब्रह्मलीन साध्वी प्रेम दर्शनानंद महाराज एक विद्वान एवं तपस्वी संत थी। जिन्होंने राष्ट्र को एकता के सूत्र में बांधने के लिए अपना जीवन समर्पित किया। वास्तव में वह त्याग एवं तपस्या की साक्षात प्रतिमूर्ति थी। बाबा हठयोगी एवं महंत दुर्गादास महाराज ने कहा कि संत परंपरा सनातन संस्कृति की वाहक है और संतों ने सदैव समाज को ज्ञान की प्रेरणा देकर उनके कल्याण का मार्ग प्रशस्त किया है। ब्रह्मलीन साध्वी प्रेम दर्शनानंद महाराज ने हरिद्वार ही नहीं अपितु विश्व भर में सनातन परंपराओं का मान बढ़ाया। भारत के इतिहास में ऐसे संतो को सदैव स्मरण किया जाएगा। महंत प्रेमसुख देवानंद महाराज ने कार्यक्रम में पधारे सभी संत महापुरुषों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि संतो का जीवन सदैव परोपकार को समर्पित रहता है। ब्रह्मलीन साध्वी प्रेम दर्शनानंद महाराज एक युग प्रवर्तक थी। जिन के बताए मार्ग का अनुसरण करके आज भी नगली बेला आश्रम राष्ट्र निर्माण में अपना सहयोग प्रदान कर रहा है और उनके अधूरे कार्यों को पूर्ण कर रहा है। इस दौरान महंत मोहन सिंह,महंत तीरथ सिंह, स्वामी ललितानंद गिरी, महंत देवानंद सरस्वती, महामंडलेश्वर स्वामी अनंतानंद गिरी,महंत दुर्गादास, बाबा हठयोगी, महंत सूरज दास, स्वामी रविदेव शास्त्री, महंत सुतीक्षण मुनि, स्वामी हरिहरानंद, स्वामी दिनेश दास, महंत शिवानंद, महंत बिहारी शरण, महंत अंकित शरण,श्रीमहंत विष्णु दास,महंत रघुवीर दास सहित कई संत महापुरुष उपस्थित रहे।