हेट स्पीच और महिलाओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में आरोपी स्वामी यति नरसिंहानंद जेल से रिहा होने के पश्चात फिर धरने पर बैठे

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जितेंद्र नारायण त्यागी की रिहाई की मांग को लेकर धरना

हेट स्पीच और महिलाओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में आरोपी स्वामी यतिनरसिंहानद के जमानत पर जेल से छूटने के बाद हरिद्वार धर्म संसद के सह संयोजक स्वामी यति नरसिंहानंद ने हरिद्वार पहुंचकर सर्वानंद गंगा घाट पर दर्जनों समर्थकों के साथ फिर से में धरना शुरू कर दिया है।  जितेंद्र नारायण त्यागी, पूर्व में वसीम रिजवी, जो पहले उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष थे, की रिहाई की मांग करते हुए, स्वामी यति नरसिंहानंद ने कहा कि जब तक जितेंद्र नारायण त्यागी जेल से रिहा नहीं हो जाते, वह आंदोलन में अपना धरना नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने आगे कहा, त्यागी ने सनातन धर्म और हम में विश्वास रखते हुए हिंदू धर्म अपना लिया तो, हम उन्हें अकेला कैसे छोड़ सकते हैं, उन्हें अभद्र भाषा के मामले में गलत तरीके से फंसाया गया है। यति नरसिंहानंद जमानत मिलने के बाद जेल से रिहा होकर फिर सर्वानंद घाट पर धरने पर बैठ गए हैं। यति नरसिंहानंद का कहना है कि जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी को जल्द से जल्द जेल से रिहा किया जाना चाहिए। जब तक वे जेल से रिहा नहीं होंगे उनका धरना जारी रहेगा। दिसंबर में हरिद्वार में हुई धर्म संसद में भड़काऊ भाषणबाजी करने के आरोप में नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज होने के बाद जितेंद्र त्यागी और यति नरसिंहानंद को गिरफ्तार किया गया था। करीब 1 महीने के बाद यति नरसिंहानंद बृहस्पतिवार को जेल से रिहा हुए हैं। बता दें कि संतों के समर्थन में धर्म संसद 12 फरवरी को गाजियाबाद से शुरू हुई हिंदू जनजागरण यात्रा शुक्रवार को हरिद्वार पहुंची। यहां अखिल भारतीय ब्रह्म ऋषि महासंघ के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष सुनील त्यागी के नेतृत्व में कार्यकर्ता सर्वानंद गंगा घाट पहुंचे और स्वामी यति नरसिंहानंद से मिले। गंगा घाट पर धरने पर बैठे यति नरसिंहानंद सरस्वती फाउंडेशन की महासचिव उदिता त्यागी ने कहा कि पैदल समर्थन मार्च के दौरान उन्हें समाज के विभिन्न वर्गों से अच्छा समर्थन मिला। हमने सनातन धर्म समर्थक आवाजों को दबाने के लिए जानबूझकर जितेंद्र नारायण त्यागी और स्वामी यति नरसिंहानंद के खिलाफ मामले दर्ज करने का समर्थन करने और विरोध करने के लिए पैदल मार्च निकाला। 15 फरवरी को धर्म संसद के मुख्य आयोजक स्वामी यति नरसिंहानंद को अल्पसंख्यक महिलाओं पर अभद्र भाषा और अपमानजनक बयान देने के एक मामले में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय से जमानत मिल गई थी और गुरुवार को रिहा कर दिया गया।