खराब मौसम के बावजूद हर-हर महादेव के जयकारों से वातावरण गुंजायमान

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*शिवभक्त कांवड़ियों का प्रस्थान लगातार जारी,पुलिस की ओर से जरूरी इंतजाम*

आस्था के आगे खराब मौसम भी श्रद्वालुओं के कदम बांध नही पा रहे है। विपरीत मौसम के बावजूद धर्मनगरी में आने वाले शिवभक्तों के कदम लगातार बढ़ रहे है। खराब मौसम के बाद भी हरकी पैड़ी गंगा घाट बम-बम भोले के स्वर से गुंजायमान रहा। हरकी पैड़ी गंगा घाट से बारिश के बाद भी बुजुर्ग, बच्चे और महिलाएं कांवड़ लेकर अपने गंतव्य को जाते रहे। बारिश और तेज हवाओं के झौंको के जारी रहने के बावजूद शनिवार को भी धर्मनगरी से कांवड़ यात्रा लगातार जारी रही। फाल्गुन मास के महाशिवरात्रि के मौके पर विभिन्न शिवालयों में जलाभिषेक करने के पवित्र आस्था के साथ यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित पड़ोसी राज्यों से कांवड़िए हरिद्वार पहुंच रहे हैं। खराब मौसम भी धर्मनगरी में शिवभक्तों के कदम नहीं रोक पाया। शनिवार को धर्मनगरी में बारिश के बाद भी कांवड़ यात्रा लगातार जारी रही। हलांकि बारिश के कारण सड़कों पर जमा बारिश के पानी ने शिवभक्तों के लिए कुछ परेशानी जरूर पैदा की, लेकिन उसके बाद भी शिवभक्त कांवड़ उठाकर अपने गंतव्य को चलते दिखाई दिए। कोरोना की पाबंदी खत्म होने के कारण महाशिवरात्रि पर कांवड़ यात्रा में बड़ी संख्या में शिवभक्त धर्मनगरी पहुंच रहे हैं। हरिद्वार पुलिस ने कांवड़ यात्रा के लिए ट्रैफिक प्लान भी जारी किया है। कोरोना की पाबंदी खत्म होने के कारण महाशिवरात्रि पर कांवड़ यात्रा में बड़ी संख्या में शिवभक्त धर्मनगरी पहुंच रहे हैं। खराब मौसम के बाद भी हरकी पैड़ी गंगा घाट बम-बम भोले के स्वर से गुंजायमान रहा। हरकी पैड़ी गंगा घाट से बारिश के बाद भी बुजुर्ग, बच्चे और महिलाएं कांवड़ लेकर अपने गंतव्य को जाते रहे। हाईवे पर पुलिस रही तैनात कुछ शिवभक्त सीसीआर के निकट से हाईवे को गलत तरीके से क्रास कर रहे थे। पुलिस ने शनिवार को ऐसे कावंड़ियों को हाईवे क्रास करने से रोककर उनको हाईवे पर बने लोहे के ओवरब्रिज पर भेजकर हाईवे को पार करवाया। भगवान शिव के भक्तों की आस्था मौसम की दुश्वारियों पर भारी पड़ रही है। पिछले दो दिनों से ठंडी हवा के साथ रिमझिम बारिश हो रही है, लेकिन कंधे पर रखी कांवड़ में गंगाजल और मुंह मे बोल बम के जयकारे लगाते हुए कांवड़ियों के कदम रुक नहीं रहे हैं। हर साल फाल्गुन और सावन महीने की चतुर्दशी तिथि पर शिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इनमें श्रावणी शिवरात्रि को ज्यादा महत्व दिया जाता है। पर फाल्गुनी शिवरात्रि पर भी उत्तराखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा के लाखों श्रद्धालु हरिद्वार से गंगाजल की कांवड़ लेकर पैदल अलग-अलग शिवालयों में चढ़ाते हैं। इस बार भी कंधे पर कावड़ रखे शिवभक्तों का रेला लक्सर, खानपुर होते हुए पुरकाजी (मुजफ्फरनगर) की तरफ जा रहे हैं। कंधे पर गंगाजल की कांवड़ लिए भोले के भक्तों का रेला रिमझिम बारिश में भी भीगने से बचने के लिए कपड़ों के ऊपर प्लास्टिक की बरसाती पहनकर अपनी मंजिल की तरफ बढ़ते दिखाई दिए।