एसएसआइ अनिल चौहान ने आरोपित को मुजफ्फरनगर के खतौली से धर दबोचा।
निर्माण कार्य से जुड़ा टेंडर हासिल करने के लिए लोक निर्माण विभाग में 7.31 लाख रुपये की फर्जी एफडीआर लगाने के मामले में पांच साल से फरार आरोपित को पुलिस ने आखिरकार ढूंढ निकाला। पांच साल में कई विवेचक बदले गए। 25 हजार रुपये का ईनाम घोषित होने के बाद शहर कोतवाली के एसएसआइ अनिल चौहान ने आरोपित को मुजफ्फरनगर के खतौली से धर दबोचा। सीओ सिटी मनोज ठाकुर ने बताया कि साल 2018 में लोक निर्माण विभाग लक्सर के अधिशासी अभियंता सतवीर सिंह ने टेंडर के फर्जीवाड़े में एफआइआर दर्ज कराई थी। मुकदमे में उन्होंने बताया था कि एसके फर्म्स ने लक्सर क्षेत्र में निर्माण कार्य को लेकर 7.31 लाख के फर्जी एफडीआर बनाकर टेंडर के लिए आवेदन किया था। दस्तावेजों की जांच में एफडीआर फर्जी निकली। इस पर अधिशासी अभियंता की तहरीर पर एसके फर्म के भागीदार इश्तेकार अली और कुंवर तसव्वुर अली के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया था। इश्तेकार को पूर्व में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया,लेकिन तसव्वुर अली लगातार फरार चल रहा था। इस दौरान विवेचक बदलते रहे, लेकिन तसव्वुर अली हाथ नहीं आया। मुकदमा काफी समय से लंबित होने के कारण इसकी मानिटरिंग पीएचक्यू स्तर से की जा रही थी। शहर कोतवाली के एसएसआइ अनिल चौहान ने विवेचना मिलने पर आरोपित की कुंडली खंगाली। पता चला कि तसव्वुर बेहद शातिर है और अपने ठिकाने बदलता रहता है। सुरागरसी पतारसी कर मुखबिर तंत्र को सक्रिय करते हुए पुलिस ने आरोपित कुंवर तसव्वुर अली निवासी निवासी ग्राम केली थाना दौराला जनपद मेरठ को आवास विकास कालोनी खतौली मुजफ्फरनगर से गिरफ्तार कर लिया।
शहर कोतवाल राकेंद्र कठैत ने बताया कि ईनामी आरोपित को गिरफ्तार कर हरिद्वार लाया गया। कोर्ट में पेश करने के बाद उसे जेल भेज दिया गया है। पुलिस टीम में एसएसआइ अनिल चौहान,कांस्टेबल संजय और मुकेश शामिल रहे। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने ईनामी की गिरफ्तारी पर पुलिस टीम को शाबाशी दी है।