धर्म-कर्म: दसवां गीता महोत्सव आयोजित

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महामण्डलेश्वर स्वामी अवशेषानंद को गीता रत्न से किया सम्मानित

हरिद्वार। अध्यात्म चेतना संघ के बैनर तले आयोजित दसवें गीता महोत्सव में जाने-माने संत श्री गीता कुटीर के प्रमुख महामंडलेश्वर डा.स्वामी अवशेषानंद महाराज को गीता रत्न सम्मान से सम्मानित किया गया। साथ ही राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त राजकीय इंटर कालेज भेल के शिक्षक प्रदीप नेगी, अष्टवक्रसान में विश्व कीर्तिमान बनाने वाली प्रिया आहूजा को योग, आजादी के परवाने के रचयिता चेतना पथ के प्रकाशक व संपादक, कवि एवं साहित्यकार अरुण कुमार पाठक को साहित्य, सुश्री करुणा चौहान को संगीत तथा स्वाति वर्मा को नृत्य कला में विशिष्ट योगदान हेतु हरिद्वार गौरवश् सम्मान प्रदान किया गया। नवम्बर में आयोजित श्रीमद्भगवद्गीता ज्ञान प्रतियोगिता के विजेता विद्यार्थियों को भी कार्यक्रम के दौरान पुरस्कृत व सम्मानित किया गया। प्रतियोगिता में एस.एम.एस.डी. इंटर कालेज, कनखल के कक्षा सात के छात्र उपलक्ष्य मोंगा ने प्रथम तथा आलोक जायसवाल ने द्वितीय तथा एस.एम.एस.डी. इंटर कालेज खड़खड़ी के कक्षा आठ के मोहित जोशी ने तृतीय पुरस्कार प्राप्त किया। इसके अतिरिक्त प्रत्येक प्रतिभागी स्कूलों के प्रथम तीन छात्रों को प्रोत्साहन पुरस्कार प्रदान किये गये। प्रतियोगिता में भाग लेने वाले सभी विद्यालयों के प्रधानाचार्यों तथा प्रतियोगिता के आयोजन में स्हयोगी शिक्षकों व साहित्यकारों को भी सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी ने कहा कि श्रीमद्भगवद्गीता में भगवान कृष्ण कहते हैं कि केवल यज्ञ,दान,तप,बल,चिन्तन,मनन ध्यान, योग,अभ्यास,निदिध्यासन,धारणा,समाधि आदि से उन्हें प्राप्त करना कठिन हैं। मुझे केवल मेरी कृपा से ही प्राप्त किया जा सकता है। इसलिये, मनुष्य को निरन्तर प्रभुकृपा प्राप्त करने का प्रयास करना चाहिये। भगवान ने सभी के लिये समान दृष्टि रखने वाले समदर्शी को महापुरुष कहा है। मुख्य अतिथि पूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्री सांसद डा.रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि गीता भक्ति के माध्यम से आत्मा को परमात्मा से जोड़ने का सेतु है। गीता न केवल भारत बल्कि सम्पूर्ण विश्व में वंदनीय है। कार्यक्रम के दौरान वेदपाठी संस्कृत के विद्यार्थियों द्वारा वेदों की ऋचाओं की सस्वर प्रस्तुति दी गयी। अध्यात्म चेतना संघ के संस्थापक व संचालक आचार्य करुणेश मिश्र ने संस्था का परिचय देते हुए इसके द्वारा अब तक किये गये कार्यकलापों का ब्यौरा प्रस्तुत किया। स्वाती वर्मा तथा उनके समूह द्वारा प्रस्तुत भगवान कृष्ण द्वारा अर्जुन को गीता में दिये गये उपदेशों पर आधारित नृत्य नाटिका तथा उभरती कवियत्री द्वारा प्रस्तुत गीत ‘मेरे गीतों में मेरे भारत की खुशबू बसती है‘ ने उपस्थित जनसमूह की खूब तालियाँ बटोरी। कार्यक्रम को स्वामी अवशेषानंद, बाल व्यास ब्रह्मरात हरितोष, प्रो.पी.एस.चौहान, विधायक आदेश चौहान, पूर्व प्राचार्य योगेन्द्र नाथ शर्मा अरुण आदि ने भी सम्बोधित किया। इस दौरान वरिष्ठ कवियित्री श्रीमती नीता नय्यर निष्ठा के काव्य संकलन ‘गुजारिश चाँद की‘तथा संजय दे-हरि के संस्मरण संकलन ‘एक शिक्षिका-माँ‘ का विमोचन भी किया गया। कार्यक्रम का संचालन डा.नरेश मोहन ने किया। कार्यक्रम संयोजक बृजेश शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में स्वामी संतमुनि महाराज, शिवालिक नगर पालिकाध्यक्ष राजीव शर्मा, संजीव गुप्ता, संदीप जैन, उद्योगपति जे.सी.जैन ब्रजेश शर्मा,साधना शर्मा,राजीव कुमार बंसल, अर्चना वर्मा, प्रदीप सिखौला, प्रभांष मिश्रा,नेहा मलिक,राखी धवन,संगीता गुप्ता,शशिकांत गर्ग,जितेन्द्र मिश्रा, अशोक सरदार, उपमा मिश्रा,प्रेम शंकर शर्मा, सिद्धार्थ प्रधान, प्रमोद शर्मा, योगेश शर्मा, ताराचंद विरमानी, आशीष चौहान, अशोक सरदार, अधीर कौशिक, संध्या शर्मा,मनोज गौतम,जगदीश लाल पाहवा, कमला जोशी,सुमन राजपूत, ऋतु तोमर,मनीष चौहान,चंदन शर्मा,नरेन्द्र कुमार बाँगा, उमेश खेवड़िया, कन्हैया सिखौला, सौरभ सिखौला, प्रमोद शर्मा आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।