26 जनवरी को सर्वार्थ सिद्धि योग में सरस्वती पूजा का विशेष महत्व
हरिद्वार। शिवोपासना संस्थान, डरबन साऊथ अफ्रीका एवं शिव उपासना धर्माथ ट्रस्ट हरिद्वार के संस्थापक स्वामी राम भजन वन महाराज ने कहा कि माघ मास, शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को सरस्वती पूजा या वसंत पंचमी मनाते हैं। इस साल सरस्वती पूजा 26 जनवरी, गुरुवार को है। खास बात यह है कि इस दिन सर्वार्थ सिद्धि समेत चार शुभ योग बन रहे हैं। ऐसे में सरस्वती पूजा का महत्व बढ़ गया है। बच्चों के मानसिक विकास एवं बौद्धिक क्षमता विकसित करने के लिए सरस्वती पूजा अत्यंत फलदाई है। स्वामी रामभजन वन महाराज ने कहा कि सरस्वती पूजा पर गणतंत्र दिवस है और इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बना है। इस बार स्कूलों में गणतंत्र दिवस और सरस्वती पूजा एक साथ मनाया जाएगा। इस दिन माता सरस्वती का पीले फूल, गुलाल, रोली, अक्षत्, धूप, दीप आदि से पूजन किया जाता है। उन्होंने कहा कि पंचांग के अनुसार माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी को सरस्वती पूजा मनाते हैं. स्वामी राम भजन वन महाराज के अनुसार, इस साल सरस्वती पूजा वाले दिन 26 जनवरी को चार शुभ योग शिव योग, सिद्ध योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग बने रहे हैं। रवि योग का समय शाम 06 बजकर 57 मिनट से शुरू हो रहा है और यह 27 जनवरी को सुबह 07 बजकर 12 मिनट तक रहेगा। रवि योग में सूर्य देव का प्रभाव होता है. वे अमंगल को दूर करते हैं और शुभता प्रदान करते हैं। ठीक वैसे ही सर्वार्थ सिद्धि योग भी शाम 06:57 बजे से शुरु हो रहा है, जो 27 जनवरी को सुबह 07:12 बजे तक मान्य रहेगा. सर्वार्थ सिद्धि योग अत्यंत शुभ फलदायी होता है। इस योग में किए गए कार्य सफल सिद्ध होते हैं। उन्होंने कहा कि सरस्वती पूजा वाले दिन शिव योग सुबह से लेकर दोपहर 03:29 बजे तक मान्य है। इस योग में ध्यान, पूजा आदि का महत्व है। इसके बाद से सिद्ध योग शुरू होगा, जो पूरी रात्रि तक है. सिद्ध योग भी शुभ योगों में से एक है। स्वामी रामभजन वन महाराज ने कहा कि इस साल सरस्वती पूजा का मुहूर्त शिव योग में है। ऐसे में 26 जनवरी को सुबह 07:12 बजे से सरस्वती पूजा कर सकते हैं। इस दिन पूजा मुहूर्त का समापन दोपहर 12:34 बजे होगा। वसंत पंचमी 2023 मुहूर्त हिंदू कैलेंडर के अनुसार, 25 जनवरी को दोपहर 12:34 बजे से माघ शुक्ल पंचमी तिथि लग जाएगी। यह तिथि 26 जनवरी को सुबह 10:28 बजे तक मान्य है।