धर्म-कर्म: उपासना और साधना का सर्वोत्तम अवसर हैं नवरात्र-श्रीमहंत रविंद्रपुरी

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मनसा देवी भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं

हरिद्वार। अखाड़ा परिषद एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि देवी दुर्गा के नवरात्र उपासना और साधना का सर्वोत्तम अवसर है। नौ दिनों तक चलने वाले नवरात्रों में की जाने वाली आराधना और उपासना से प्रसन्न होकर मां मनसा देवी भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं। नवरात्रों में नौ दिनों तक चलने विशेष अनुष्ठान के पहले दिन मां मनसा देवी मंदिर में श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि नवरात्रों में पूर्ण विधि विधान से देवी भगवती की आराधना करने से कल्याण का मार्ग प्रशस्त होता है। सभी कष्ट दूर हो जाते हैं, परिवारों में सुख समृद्धि का वास होता है। प्रत्येक कार्य में सफलता प्राप्त होती है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक श्रद्धालु को नवरात्रों में मां दुर्गा की आराधना अवश्य करनी चाहिए। श्रीमहत रविंद्रपुरी महाराज ने नवरात्रि नारी शक्ति उत्सव के तहत 25 मार्च को मां मनसा देवी मंदिर में महिलाओं व बालिकाओं को सम्मानित किया जाएगा। भारत माता मंदिर के महंत एवं निरंजनी अखाड़े के महामण्डलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी महाराज ने कहा कि श्रद्धालु भक्तों को देवी आराधना करने के साथ देवी स्वरूपा कन्याओं के संरक्षण संवर्द्धन का संकल्प भी अवश्य लेना चाहिए। इस अवसर पर निरंजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रामरतन गिरी,महंत केशव पुरी,महंत नरेश गिरी,महंत ओंकार गिरी,महंत राधे गिरी,महंत शिव वन,दिगंबर राधेश्याम पुरी,दिगंबर नीलकंठ गिरी,दिगंबर बलवीर पुरी,दिगंबर राजगिरी,दिगंबर आनन्द गिरी,दिगंबर राकेश गिरी,दिगंबर सुखदेव पुरी, दिगंबर गंगा गिरी,दिगंबर रतन गिरी,दिगंबर उमेश भारती,दिगंबर राजेंद्र भारती, स्वामी आशुतोष पुरी, स्वामी रघुवन, दिगंबर विनोद गिरी सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्त मौजूद रहे।

भक्तों के मनोरथ पूरे कर अभय प्रदान करती हैं देवी भगवती-स्वामी कैलाशानंद गिरी

हरिद्वार। निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि समस्त जगत का कल्याण करने वाली देवी दुर्गा की आराधना कभी निष्फल नहीं जाती है। नवरात्रों में नौ दिनों तक की जाने वाली आराधना व पूजन से प्रसन्न होकर देवी अपने भक्तों के सभी मनोरथ पूरे करने के साथ उन्हें अभय प्रदान करती है। श्री दक्षिण काली मंदिर में श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि नवरात्र देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त करने का सबसे उत्तम अवसर हैं। श्रद्धालु भक्तों को इस अवसर का लाभ उठाते हुए पूरे विधि विधान से व्रत रखकर भक्ति भाव के साथ मां की आराधना करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि श्री दक्षिण काली मंदिर में साक्षात रूप से विराजमान देवी भगवती की पूजा अर्चना करने से श्रद्धालुओं को मां दक्षिण काली के साथ बाबा कामराज का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। नवरात्रों में की गयी मां भगवती की आराधना अमोघ फल प्रदान करती है। जिससे भक्त के कल्याण का मार्ग प्रशस्त होता है। इस अवसर पर स्वामी अवंतिकानंद ब्रह्मचारी, स्वामी कृष्णानंद ब्रह्मचारी, आचार्य पवनदत्त मिश्र, प्रमोद पांडे, लाला बाबा, मुख्य पुजारी स्वामी विवेकानंद, गगन त्यागी, सुधीर पांडे सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्त मौजूद रहे।

स्वामी रामदेव के 29वें सन्यास दिवस पर पंतजलि में दस दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन

रामनवमी पर सौ विदुषी व विद्वान लेंगे स्वामी रामदेव से संन्यास दीक्षा

हरिद्वार। योगगुरू स्वामी रामदेव के 29वें संन्यास दिवस के अवसर पर पतंजलि संन्यासाश्रम के तत्वावधान में 22 मार्च से 31 मार्च तक दस दिवसीय संन्यास दीक्षा महोत्सव आयोजित किया जा रहा है। जिसमें रामनवमी को लगभग 40 विदुषी तथा 60 विद्वान स्वामी रामदेव महाराज से संन्यास दीक्षा लेंगे। साथ ही लगभग 500 प्रबुद्ध लोग आचार्य बालकृष्ण महाराज से ब्रह्मचर्य की दीक्षा लेंगे। इस अवसर पर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंददेव गिरी महाराज ने सन्यास दीक्षा लेने वाले साधकों को संबोधित करते हुए कहा कि वैदिक परम्परा में सर्वोच्चतम पुष्प संन्यास है। संन्यास अपने भीतर से खिलना चाहिए और संन्यासी को ऐसा अनुभव करना चाहिए कि मैं भगवत स्वरूप सृष्टि की सेवा के लिए समर्पित हो रहा हूँ। स्वामी रामदेव ने कहा कि रामनवमी के दिन चार वेदों के महापारायण यज्ञ की पूर्णाहूति के साथ रामराज्य की प्रतिष्ठा तथा हिन्दु राष्ट्र का गौरव अपने हृदय में संजोकर और सनातन धर्म को युगधर्म और विश्वधर्म के रूप में प्रतिष्ठापित करने के लिए सौ से अधिक नव-संन्यासी ऋषि-मुनियों की संन्यास परम्परा में दीक्षित होंगे। ये वैराग्यवान विद्वान व विदुषी भाई-बहन अष्टाध्यायी,व्याकरण,वेद,वेदांग,उपनिषद में निष्णात होकर योगधर्म,ऋषिधर्म, वेदधर्म, सनातन धर्म की वैश्विक प्रतिष्ठा के लिए संकल्पित होंगे। इससे भारतीय सनातन संस्कृति के संरक्षण के अभियान को ऊर्जा मिलेगी। उन्होंने कहा कि पतंजलि में स्त्री-पुरुष,जाति,मत,पंथ,धर्म, सम्प्रदाय की संकीर्णताओं का कोई भेद नहीं है। यहाँ सभी वैराग्यवान विद्वान व विदुषी भाई-बहन समान भाव से इस ऐतिहासिक दिव्य-भव्य संन्यास दीक्षा में दीक्षित होकर सनातन धर्म की पताका पूरे विश्व में फहरायेंगे। स्वामी रामदेव ने कहा कि राममंदिर का निर्माण पूर्ण होने पर रामराज्य की प्रतिष्ठा होगी। राम मंदिर के साथ-साथ यह देश का राष्ट्र मंदिर भी बने। लोगों का चरित्र निर्माण हो, व्यक्तित्व का निर्माण हो तथा एक दिव्य नेतृत्व का निर्माण हो। उन्होंने कहा कि राम मंदिर का लोकार्पण अगले वर्ष जनवरी में हो जाएगा तथा धारा 370 भी समाप्त हो गई है। अब दो कार्य शेष हैं- समान नागरिक संहिता तथा जनसंख्या नियंत्रण का काम,यह भी 2024 तक हो ही जाना चाहिए। आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि सत्य सनातन वैदिक परम्परा की सांस्कृतिक विरासत को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए पतंजलि द्वारा अनेक वैदिक गुरुकुलों का संचालन किया जा रहा है। गुरुकुलों में जाति,मत,पंथ,धर्म, सम्प्रदाय की संकीर्णताओं से रहित अनेक समुदायों व प्रांतों के सैकड़ों भाई-बहन प्राचीन शास्त्रों का गहन अध्ययन कर योग्य विद्वान् व विदुषियों के रूप में तैयार हो रहे हैं। जो संन्यास परम्परा में दीक्षित होकर राष्ट्र जागरण एवं आध्यात्मिक उत्थान के सात्विक नेतृत्व के लिए अपने जीवन को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। ये संन्यासी भारत को विश्व का सबसे शक्तिशाली राष्ट्र बनाने व हिन्दू सनातन धर्म को राष्ट्रधर्म के रूप में प्रतिष्ठापित करने का संकल्प लेंगे। 10 दिवसीय महोत्सव में स्वामी गोविंद देव गिरि महाराज,जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि,कार्ष्णी पीठाधीश्वर गुरुशरणानंद महाराज,सरसंघ चालक मोहन भागवत सहित केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित अनेक गणमान्य लोग शामिल होंगे। इस अवसर पर साध्वी देवपिया, भारतीय शिक्षा बोर्ड के कार्यकारी अध्यक्ष एन.पी.सिंह,अजय आर्य,बाबू पद्मसेन,मुख्य केन्द्रीय प्रभारी राकेश कुमार ‘भारत’,स्वामी परमार्थदेव, स्वामी आर्षदेव व संस्था के सभी वरिष्ठ उपस्थित रहे।