भागवत कथा का आयोजन कराने से पितृ दोष की मुक्ति- पवन कुमार

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कथा श्रवण से जीवन में भक्ति ज्ञान,वैराग्य की प्राप्ति होती है

हरिद्वार:  श्री राधा रसिक बिहारी मंदिर रामनगर कॉलोनी ज्वालापुर में हिंदू नव वर्ष के पावन आगमन के शुभ अवसर पर चल रही श्रीमद्भागवत कथा के प्रथम दिवस पर भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने बताया श्रीमद्भागवत कथा श्रवण करने से जीवन में भक्ति ज्ञान एंव वैराग्य की प्राप्ति होती है मन को परम शांति मिलती है। श्रीमद्भागवत कथा जीव का कल्याण करती है। यदि हम अपने पितरों के निमित्त श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन कराते हैं। तो हमारे समस्त पित्रों को मोक्ष की प्राप्ति श्रीमद्भागवत कथा अनुष्ठान के द्वारा हो जाती है। शास्त्री ने बताया की श्रीमद्भागवत में धुंधकारी का प्रसंग आता है धुंधकारी का जन्म एक ब्राह्मण परिवार में हुआ परंतु कार्य उसके राक्षसों जैसे थे मरने के बाद प्रेत योनि में पहुंच गया धुंधकारी का भाई गोकर्ण को जब पता चला मेरा भाई धुंधकारी प्रेत योनि में है गोकर्ण ने श्रीमद्भागवत कथा यज्ञ का आयोजन किया। जिस कथा के प्रभाव से धुंधकारी प्रेत योनि से मुक्त होकर भगवान के वैकुंठ लोक को प्राप्त हो गया। शास्त्री ने बताया कि जन्मपत्री में कैसा भी पितृदोष हो श्रीमद्भागवत कथा आयोजन करने से पित्र दोष से मुक्ति मिल जाती है। शास्त्री ने कहा कि श्री राधा रसिक बिहारी भागवत परिवार सेवा ट्रस्ट के माध्यम से समय- समय पर निशुल्क एवं निस्वार्थ श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन सर्वजन कल्याण के लिए एवं सनातन धर्म प्रचार के लिए किया जाता है। कथा में मुख्य जजमान रेनू अरोरा,चिराग अरोड़ा,शिमला उपाध्याय,सोनिया गुप्ता,किशोर गुप्ता,रेनू शर्मा,आशीष शर्मा, शिक्षा राणा,कमलेश अरोड़ा,रोजी अरोड़ा,अनु शर्मा,रीना जोशी,रिंकू शर्मा,मोनिका विश्नोई,कल्पना शर्मा,जूही शर्मा, शीतल मलिक,राजू,रिंकी भट्ट,संध्या भट्ट,विमल भट्ट,पुष्पा सेठ,मुखारी देवी एवं भागवत परिवार के सदस्यों ने भागवत का पूजन संपन्न किया