बड़ी खबर: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता  राजेश रस्तोगी ने परिवारवाद का आरोप लगाते हुए कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा दिया

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हरिद्वार। वरिष्ठ कांग्रेस नेता एडवोकेट राजेश रस्तौगी ने परिवारवाद का आरोप लगाते हुए कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, उत्तराखंड प्रभारी कुमारी शैलजा, प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा, कांग्रेस सेवादल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लाल जी भाई देसाई, अखिल भारतीय मजूदर महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामीनाथ जैसवाल, ग्रामीण कांग्रेस जिला अध्यक्ष राजीव चौधरी भेजे  इस्तीफे में राजेश रस्तौगी ने कहा कि यदि उत्तराखंड के कांग्रेस नेताओ की गुटबाजी और टिकट बेचने पर लगाम नहीं लगाई गई तो कांग्रेस विपक्ष में बैठने लायक भी नही रहेगी। राज्य के ईमानदार साफ सुथरी छवि के नेता प्रीतम सिंह को 2017 के चुनाव में मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित कर दिया जाता तो शायद आज उत्तराखंड में कांग्रेस की सरकार होती। उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 में लक्सर से विधान सभा क्षेत्र से मेरा टिकट बेशक कांग्रेस पार्टी ने काट दिया हो, लेकिन वे फिर भी पार्टी के साथ मजबूती से खड़े रहे।  हरीश रावत ने जिसको चाहा उसको लक्सर से टिकट दे दिया। किंतु लक्सर के कांग्रेस से जुड़े किसी भी कार्यकर्ता को टिकट नहीं दिया गया। भगवानपुर विधायक ममता राकेश,पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत,कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा,कांग्रेस प्रदेश महासचिव डा.संजय पालीवाल,कांग्रेस नेता गौरव चौधरी,रुड़की के पूर्व मेयर यशपाल राणा, कांग्रेस नेता सचिन गुप्ता,जिला पंचायत सदस्य संजय सैनी जैसे नेताओ को नजर अंदाज कर हरिद्वार लोकसभा क्षेत्र से हरीश रावत के बेटे को टिकट मिलना कांग्रेस में बढ़ते परिवारवाद का बड़ा उदाहरण है। जिससे पार्टी के कार्यकर्ताओँ में रोष व्याप्त है। और पार्टी में अंतर्कलह के साथ साथ गुटबाजी भी शुरू हो गई है। जिसका सीधा असर चुनाव में देखने को मिलेगा। उन्होंने  हरीश रावत पर परिवाद का आरोप लगाते हुए कहा कि हरीश रावत ने परिवार मोह में प्रदेश में पार्टी को कमजोर किया है। जिससे प्रदेश में पार्टी को बार बार हार का मुंह देखना पड़ रहा है।