गंगा उत्सव 2024 का आयोजन हरिद्वार के चंडी घाट पर 4 नवंबर को किया जाएगा। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य गंगा नदी के संरक्षण को बढ़ावा देना है और लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करना है। यह आयोजन राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) द्वारा हर साल गंगा नदी को ‘राष्ट्रीय नदी’ घोषित किए जाने की वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित किया जाता है।
इस वर्ष गंगा उत्सव अत्यंत धूमधाम से मनाया जा रहा है, जिसका नेतृत्व केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री सी.आर. पाटिल द्वारा किया जा रहा है। उत्सव के उद्घाटन समारोह में कई विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति रहेगी, जिसमें उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी, जल शक्ति राज्य मंत्री श्री राज भूषण चौधरी, और जल शक्ति मंत्रालय की सचिव श्रीमती देवश्री मुखर्जी विशेष रूप से शामिल होगी । इसके अलावा, केंद्र और राज्य सरकारों के कई अन्य महत्वपूर्ण अतिथियों के भी इस कार्यक्रम में उपस्थित होने की संभावना है।
इस वर्ष के उत्सव की प्रमुख विशेषताएं:
* नदी के किनारे आयोजन: पहली बार यह उत्सव गंगा नदी के किनारे आयोजित किया जाना है, जिससे लोगों का नदी के साथ सीधा जुड़ाव बढ़ेगा।
* बड़े पैमाने पर भागीदारी: इस उत्सव में केंद्र सरकार, राज्य सरकारें, स्थानीय निकाय, सामाजिक संगठन और आम जनता ने बड़े पैमाने पर भाग लेगे।
विभिन्न कार्यक्रम: उत्सव में कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाएगें, जैसे कि सांस्कृतिक कार्यक्रम, प्रदर्शनियां, सेमिनार, कार्यशालाएं और खेलकूद प्रतियोगिताएं।
* जागरूकता अभियान: उत्सव के माध्यम से लोगों को गंगा नदी के महत्व, प्रदूषण के खतरों और संरक्षण के उपायों के बारे में जागरूक किया जाएगा।
* युवाओं की भागीदारी: युवाओं को गंगा नदी के संरक्षण के लिए प्रेरित करने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएगें।
* तकनीकी सत्र: तकनीकी विशेषज्ञों ने गंगा नदी के जल प्रबंधन और कायाकल्प से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा ।
* गंगा संवाद: विभिन्न विषयों पर विशेषज्ञों, धार्मिक गुरुओं और अन्य प्रमुख व्यक्तियों के बीच विचार-विमर्श होगा।
उत्सव का उद्देश्य:
* गंगा नदी के संरक्षण के लिए जन जागरूकता बढ़ाना।
* गंगा नदी की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्ता को उजागर करना
* नदी के प्रदूषण को रोकना और उसे पुनर्जीवित करना।
* गंगा बेसिन के लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाना।
* नदी-संवेदनशील शहरी विकास को बढ़ावा देना।
