बिहार में क्रांति: जलभराव से निजात और कृषि विकास की नई राह

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बिहार के कोसी क्षेत्र में जलकुंभी की समस्या से निपटने के लिए एक अभिनव पहल शुरू की गई है। इसके तहत, जलकुंभी से वर्मी कंपोस्ट का निर्माण किया जा रहा है, जिससे किसानों को दोहरा लाभ होगा।
समस्या और समाधान:
* कोसी क्षेत्र में जलभराव और जलकुंभी का प्रसार किसानों के लिए एक बड़ी समस्या है, खासकर मखाना की खेती में।
* मुरादपुर पंचायत के मुखिया राहुल झा ने जलकुंभी को वर्मी कंपोस्ट में बदलकर इस समस्या का समाधान निकाला है।
पहल के लाभ:
* किसानों की कृषि लागत में कमी आएगी।
* जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा।
* पर्यावरण का संरक्षण होगा।
* स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
* मखाना की खेती में सुधार होगा।
क्रियान्वयन:
* पंचायत स्तर पर वर्मी कंपोस्ट निर्माण केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं।
* जीविका और स्वयं सहायता समूहों को इसमें शामिल किया गया है।
* यह जैविक खाद मखाना, धान, मक्का और अन्य फसलों के लिए बेहद लाभदायक साबित हो रही है।
इस पहल से न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति सुधरेगी, बल्कि जैविक खेती और रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा।

यशस्वी मुखिया अवार्ड से सम्मानित
राहुल झा की इस अनूठी पहल को पहचान देते हुए बिहार अल्ट्राटेक सीमेंट और हिंदुस्तान अखबार ने उन्हें “यशस्वी मुखिया अवार्ड” से सम्मानित किया।
यह पुरस्कार बिहार के 20 सबसे नवाचारी और कार्यशील मुखियाओं को दिया गया, जिसे बिहार सरकार के वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी ने पटना के ताज होटल में प्रदान किया।