मेरे मन में गहरा सागर फिर भी प्यास लिए फिरता हूं: भूदत्त शर्मा 
हरिद्वार में भारत विकास परिषद की पंचपुरी शाखा ने एस एम जे एन (पी जी) कालेज में ऋतुरंग काव्य प्रणेता संगम के अवसर पर एक भव्य काव्य संगोष्ठी का आयोजन किया। कवि भूदत्त शर्मा ने श्रृंगार रस की कविता ‘मेरे मन में गहरा सागर फिर भी प्यास लिए फिरता हूं’ सुनाई। कवि अमन शुक्ला ने वीर रस की कविता ‘देश पर जो मर मिटे, वही जवानी होनी चाहिए’ से जोश भरा। कवि अंबर खरबंदा ने परिवार वाद पर कटाक्ष किया और दिव्यांश कुमार ने समाज पर चोट करने वाली कविता सुनाई। महिला कवि राजकुमारी ने नारी का सजीव चित्रण किया, और महिमा श्री ने श्रृंगार रस पर कविता सुनाई और पतियों की क्लास लगाई। श्रीकांत श्री ने वीर रस और भक्ति रस की कविताएं सुनाईं। मुख्य अतिथियों ने भी अपने विचार रखे और भारत विकास परिषद की प्रशंसा की। शाखा अध्यक्ष निखिल वर्मा ने शाखा के कार्यक्रमों के बारे में बताया। कवियों और अतिथियों को सम्मानित किया गया।
जिला समन्वयक श्री कुशल पाल सिंह चौहान ने बताया कि इस साल का 65वां आयोजन है। जिला सह समन्वयक अमित कुमार गुप्ता और पंचपुरी शाखा के अध्यक्ष निखिल वर्मा और महिला सहभागिता श्रीमती आभा वर्मा ने सभी कवियों और अतिथियों का पटका पहना कर और स्मृति चिह्न देखकर सम्मानित किया। इस अवसर पर भेल शाखा, शिवालिक शाखा,संस्कार शाखा, देवभूमि और अलकनंदा शाखा के दायित्व धारी भी उपस्थित रहे।