हरिद्वार वन प्रभाग ने वनाग्नि सुरक्षा पर आयोजित की कार्यशाला

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हरिद्वार: बढ़ते तापमान और जंगलों में आग लगने की घटनाओं को रोकने के लिए हरिद्वार वन प्रभाग ने फायर स्टेशन मायापुर में वन कर्मियों और फायर विभाग के कर्मचारियों के लिए एक दिवसीय अग्निशमन कार्यशाला का आयोजन किया।
* उद्देश्य: इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य वन कर्मियों और फायर कर्मियों को जागरूक करना और उन्हें आवश्यक प्रशिक्षण देना था।
* जंगलों में आग से होने वाले नुकसान:
* वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जंगलों में लगने वाली आग न केवल वन संपदा को नष्ट करती है, बल्कि वन्यजीवों और पर्यावरण के लिए भी गंभीर खतरा बनती है।
* आग लगने से वनस्पतियों का नुकसान होता है, जिससे पारिस्थितिक संतुलन बिगड़ सकता है।
* जंगलों में आग से निकलने वाला धुआं वायु प्रदूषण को भी बढ़ाता है, जिससे मानव स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
* कार्यशाला में प्रमुख विषयों पर हुई चर्चा:
* वनाग्नि के कारण और निवारण: आग लगने के प्रमुख कारणों की पहचान और उन्हें रोकने के उपाय।
* आपातकालीन अग्निशमन तकनीक: आग लगने की स्थिति में कैसे प्रतिक्रिया दें और उसे नियंत्रित करें।
* वनों की सुरक्षा के लिए आवश्यक उपाय:

जंगलों में आग लगने से बचाव के लिए रणनीतियाँ।
* जन-जागरूकता अभियान: ग्रामीणों और स्थानीय समुदाय को आग से बचाव के तरीकों के बारे में जानकारी देना।
* वन कर्मियों और फायर कर्मियों ने लिया संकल्प:
* कार्यशाला के दौरान वन विभाग और फायर विभाग के अधिकारियों ने अपने अनुभव साझा किए और सभी प्रतिभागियों को वन संरक्षण में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया।
* सभी वन कर्मियों और फायर कर्मियों ने शपथ ली कि वे जंगलों में आग लगने से रोकने के लिए पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ काम करेंगे और समाज को भी इसके प्रति जागरूक करेंगे।
* वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने वनों की सुरक्षा को राष्ट्र की धरोहर बताते हुए कहा कि वनों की रक्षा करना न केवल हमारा कर्तव्य है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी भी है।
* हरिद्वार वन प्रभाग की अपील:
* हरिद्वार वन प्रभाग ने नागरिकों से वनों की रक्षा में सहयोग देने की अपील की है।
* आम नागरिकों को चाहिए कि वे जंगलों में आग न लगने दें और अगर कहीं आग लगती दिखे तो तुरंत वन विभाग या फायर ब्रिगेड को सूचित करें।
यह कार्यशाला वनाग्नि की घटनाओं को रोकने और वन संपदा की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।