हरिद्वार: धर्म और संस्कृति की नगरी हरिद्वार में आज एक अद्भुत और हृदयस्पर्शी नजारा देखने को मिला। वरिष्ठ पत्रकार चंद्रशेखर गोस्वामी, जो अपने दैनिक मॉर्निंग वॉक पर निकले थे, उन्हें रास्ते में भक्ति में लीन एक लंगूर बैठा हुआ दिखाई दिया। गोस्वामी जी, जो प्रकृति और जीवों के प्रति हमेशा से ही संवेदनशील रहे हैं, उस शांत बैठे लंगूर को देखकर सहज ही रुक।
उनके मन में जिज्ञासा हुई और उन्होंने सहज भाव से लंगूर की ओर अपना हाथ बढ़ाया, मानो हाथ मिलाकर अभिवादन करना चाह रहे हों। यह देखकर हर कोई आश्चर्यचकित रह गया कि उस बेजुबान प्राणी ने गोस्वामी जी की मंशा को तुरंत समझ लिया। पल भर भी देर किए बिना, लंगूर ने अपना छोटा सा हाथ आगे बढ़ाया और गोस्वामी जी के हाथ से मिला लिया।
यह दृश्य इतना अद्भुत और भावुक करने वाला था कि गोस्वामी जी भी कुछ देर के लिए स्तब्ध रह गए। एक बेजुबान जानवर का इस प्रकार मानवीय व्यवहार करना, उनकी भावनाओं को समझना और उसी अनुरूप प्रतिक्रिया देना, वास्तव में अविश्वसनीय था।
इस घटना के बारे में बताते हुए चंद्रशेखर गोस्वामी ने कहा, “मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि ऐसा कुछ देखने को मिलेगा। वह लंगूर जिस शांति से बैठा था और फिर जिस तरह से उसने मेरा हाथ पकड़ा, वह अनुभव शब्दों में बयां करना मुश्किल है। यह देखकर मन में यह विश्वास और गहरा हो गया कि ये बेजुबान जानवर भी हमारी भावनाओं को समझते हैं।”
यह घटना सोशल मीडिया पर भी तेजी से वायरल हो रही है, जहाँ लोग इस अद्भुत नजारे की जमकर सराहना कर रहे हैं। कई लोगों ने इस घटना को प्रकृति और जीव-जंतुओं के साथ प्रेम और सद्भाव का प्रतीक बताया है।
यह घटना एक बार फिर यह साबित करती है कि भले ही जानवरों के पास हमारी तरह भाषा न हो, लेकिन वे भावनाओं को समझने और व्यक्त करने की अद्भुत क्षमता रखते हैं। वरिष्ठ पत्रकार चंद्रशेखर गोस्वामी के साथ लंगूर का यह अनोखा और प्रेमपूर्ण संवाद निश्चित रूप से लंबे समय तक लोगों के दिलों में बसा रहेगा