हरिद्वार के लाठरदेवा हुंण गांव की रुकसार देवी ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना से जुड़कर मुर्गी पालन के जरिए आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन गई हैं। पहले छोटे स्तर पर काम कर सालाना 1 लाख रुपये तक कमाती थीं, लेकिन परियोजना से मिली वित्तीय मदद (₹75,000 अनुदान, ₹75,000 स्वयं और ₹1,50,000 बैंक लोन) से उन्होंने 2400 मुर्गियों का पोल्ट्री फार्म शुरू किया। अब हर 45 दिन में मुर्गे बेचकर उन्हें लगभग ₹32,400 का लाभ होता है, जिससे उनकी वार्षिक आय ₹2.5 लाख से ₹3.0 लाख तक पहुंच गई है। रुकसार की सफलता ग्रामीण महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत है।
2025-04-05