मकर संक्रांति की संध्या काल में किया गया गुरु ग्रंथ साहिब का पाठ

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उपनगरी कनखल में स्थित श्री निर्मल संतपुरा में मकर संक्रांति के पर्व के अवसर पर शबद कीर्तन और गुरु ग्रंथ साहिब के पाठ का आयोजन किया गया। इस अवसर पर गुरु ग्रंथ साहिब की पवित्र वाणी के शबद कीर्तन रागी जनों ने मिलकर गाए और सुखमणि साहिब का पाठ किया गया। कड़ा प्रसाद का भोग लगाया गया और अरदास की गई। ज्योतिष गणना के अनुसार कल शुक्रवार की दोपहर 2ः30 बजे सूर्य भगवान ने मकर राशि में प्रवेश किया था जो विशेष संयोग था इसलिए भजन पूजन शब्द कीर्तन का शुक्रवार की शाम मकर संक्रांति के दिन विशेष महत्व माना गया। इस अवसर पर श्री निर्मल संतपुरा के परमाध्यक्ष महंत जगजीत सिंह महाराज ने शबद कीर्तन गाकर श्रद्धालुओं का मन मोह लिया।.अपनी सुरीली आवाज में उन्होंने शबद कीर्तन के माध्यम से श्री गुरु ग्रंथ साहिब और गुरु की वाणी का अलौकिक वर्णन किया। सिक्ख संगत को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जिस तरह उत्तराखंड में मकर संक्रांति का विशेष महत्व है वैसे ही पंजाब में लोहड़ी और मकर संक्रांति तथा हर महीने होने वाली संक्रांति को विशेष रूप से गुरुद्वारों में शब्द कीर्तन के माध्यम से मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि मकर संक्रांति में जहां नदियों में स्नान का महत्व है,वही यह पर्व मानव जीवन में नव संचार कायम करता है। इस अवसर पर पवित्र लंगर बरता गया। कार्यक्रम में बाबा मोहन सिंह, बाबा मनजीत सिंह, संत बलजिंदर सिंह,ग्रंथी देवेंदर सिंह,इंदर जीत सिंह,अमरजीत सिंह, पवन आदि ने भाग लिया।