कार्तिक पूर्णिमा पर विशेष: संस्कृत शब्दानुशासन के अन्तिम रचयिता महापंडित, कलिकालसर्वज्ञ हेमचन्द्राचार्यजी
– संदीप सृजन विश्व के इतिहास में संस्कृत के मध्यकालीन रचनाकारों में प्रसिद्ध जैन आचार्य हेमचन्द्राचार्यजी का नाम विशेष महत्व रखता है। वे महापण्डित थे, काव्यशास्त्र के आचार्य थे, योगशास्त्र मर्मज्ञ थे और ‘कलिकालसर्वज्ञ’ जैसी महान उपाधि से अलंकृत थे। जैनधर्म और दर्शन के तो वे प्रकाण्ड विद्वान् थे हीContinue Reading