-फौजिया नसीम ‘शाद’ कहते हैं कि रिश्ते आसमान पर बनते हैं। जमीन पर तो उनका सिर्फ मिलन होता है और इस मिलन को भाग्य में लिखे गए जीवनसाथी को तलाश करने में माता-पिता और निकट संबंधियों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, लेकिन आज के इस निरन्तर परिवर्तित युग मेंContinue Reading

हमारा उद्देश्य पौधे लगाना ही नहीं बल्कि उनका संरक्षण करना भी होना चाहिए हरिद्वार:  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में शुक्रवार को विकास खण्ड डोईवाला के कालूवाला में आयोजित जल उत्सव कार्यक्रम में जिलास्तरीय अधिकारियों तथा जन प्रतिनिधियों ने एनआईसी जिला कार्यालय सभागार (रोशनाबाद) से वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के जरियेContinue Reading

– डॉ. सुदीप शुक्‍लभारतीय लोकतंत्र के लिए ऐतिहासि‍क अवसर रहा जब राष्‍ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने श्री नरेंद्र मोदी को तीसरी बार संसदीय दल का नेता चुन लिया। निवृत्‍तमान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जब एक बार फि‍र प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे, तब तीसरी बार यह दायित्‍व संभालने वाले दूसरेContinue Reading

– सुभाष आनंदविकासशील देशों में बढ़ती विषमताओं ने युवा वर्ग में ऐसी सोच उत्पन्न कर दी है कि पढ़ाई खत्म होने के उपरांत  वे जल्दी ही ऐसा कोई काम करें जिससे वे शीघ्र अमीर बन जाए। काम कितना भी बेहूदा एवं खतरनाक क्यों ना हो उन्हें करने से कोई परहेजContinue Reading

जिस प्रकार भोपाल के बारे में कहा जाता है से इंदौर की पहचान उससे भी ताकतवर गढ़ की दिखाई जाती है। यहां से सुमित्रा महाजन आठ बार लोकसभा की सदस्य रही हैं। पिछले चुनाव में शंकर लालवानी 5 लाख 47 हजार 754 वोटों से जीते थे। अबकी बार तो मोदीContinue Reading

– पवन वर्मा अब एक बार फिर से यदुवंशी समाज के उम्मीदवार से सिंधिया का मुकाबला दूध का जला छाछ भी फूंक-फूंक कर पीता है…यह कहावत इन दिनों केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर सटीक बैठ रही है। वे चुनाव में इसी हालत से गुजर रहे हैं। इसी कारण वे लोकसभाContinue Reading

– पडित विशाल दयानन्द किन्नर, समाज का तीसरा वर्ग माना जाता है। जब से दुनिया बनी है, तब से इस सृष्टि में किन्नर मौजूद हैं, जिसका उल्लेख पुराणों और पौराणिक कथाओं में किया गया है। शिव पुराण में जिक्र किया गया है कि सृष्टि के आरंभ में ब्रह्मा जी नेContinue Reading

– बद्री नारायण तिवारीयदि बिना अस्त्र-शस्त्र के प्रयोग, बिना युद्ध किए अपना लक्ष्य मिल जाये तो शक्ति का प्रयोग नहीं करना चाहिये और यदि बिना युद्ध किये अभीष्ट नहीं मिलता तब भी शत्रु से वार्ता करनी चाहिये ताकि जब बल का प्रयोग हो तो जनमत का समर्थन अपनी ओर होContinue Reading

अठारहवीं लोकसभा में जाने के लिए चुनाव लड़ रहे मध्यप्रदेश के राजा हों या महाराजा अपनी जीत को लेकर एकदम बेफिक्र नहीं हैं। इसीलिए राजा हों चाहे महाराजा उन्हें जिताने के लिए उनके बीबी-बच्चे तक चुनाव प्रचार में पसीना बहा रहे है। बुंदेलखंड में इसे फसूकर डालना भी कहते हैं।मध्यप्रदेशContinue Reading

– राकेश अचल हम जैसे रोजाना लिखने वाले लेखकों के लिए मुश्किल ये है कि हमें देश में राजनीति के अलावा कुछ भी नया नहीं होता दिखाई देता । नया होता भी होगा तो आज की राजनीति का चेहरा इतना बड़ा है कि वो सबको अपने मायामंडल से छिपा लेतीContinue Reading