कांग्रेसी पार्षद इसरार अहमद ने उषा ब्रेकों लीज बढ़ाए जाने पर कड़ी आपत्ती जताते हुए कहा कि नियमों को ताक पर रखकर उषा ब्रेको के नाम ठेका दिया गया है। 123 करोड़ का बकाया होने के बाद ठेका सौंपा जाना पूरी तरह से न्याय संगत नहीं है। उन्होंने कहा कि इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। उन अधिकारियों के चेहरे भी बेनकाब होने चाहिए। जो इस पूरे प्रकरण में शामिल रहे। इसरार अहमद ने कहा कि बोर्ड बैठक में आनन फानन में लिया गया निर्णय समझ से परे है। जिस कंपनी पर करोड़ों बकाया हों। उसी कंपनी को टेंडर दिया जाना भ्रष्टाचार को दर्शा रहा है। उन्होंने कहा कि जो भी लोग इस टेंडर प्रक्रिया में शामिल हुए उन लोगों की उच्च स्तरीय जांच कार्रवाई को सुनिश्चित किया जाना चाहिए। इसरार अहमद ने कहा कि जीरो टालरेंस की बात करने वाले राज्य के मुख्यमंत्री को कमेटी का गठन कर पूरे प्रकरण की जांच करानी चाहिए। जो भी पार्षद इस प्रकरण में शामिल रहे हैं, उन्हें निगम व शहर की भलाई से कुछ लेना देना नहीं है। कंपनी पर बकाया वसूला जाता तो नगर निगम क्षेत्र उस धन से कितना विकास हो सकता था। लेकिन अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों की स्वीकृति मिलने से ही नियमों को ताक पर रखकर ठेके को सौंपा गया है। इसरार अहमद ने कहा कि पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। जो भी दोषी हों, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। नगर निगम क्षेत्र की समस्याओं के निस्तारण में अधिकारियों को विवेक पूर्ण निर्णय लेने चाहिए। लेकिन जल्दबाजी में नियम विरूद्ध कंपनी के नाम ठेका छोड़ दिया गया। इस मामले की निष्पक्ष रूप से जांच की जाए।
2021-05-24