ताजा खबर: सेना भर्ती की तैयारी कर रहे युवाओं ने अग्निपथ योजना का रैली निकाल कर किया विरोध

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पुलिस ने सचिवालय जा रहे युवाओं को बैराकेडिंग लगाकर रोका

योजना वापस लेने की मांग

देहरादून। सेना भर्ती की तैयारी कर रहे युवाओं ने अग्निपथ योजना के विरोध में सचिवालय कूच किया। इस दौरान युवा तिरंगा लहराते हुए भारत माता की जय के नारे लगाते दिखे। कुछ युवा अर्धन्गन होकर रैली में शामिल हुए। पुलिस ने इन युवाओं को देहरादून स्थित सचिवालय से पहले ही बैराकेडिंग लगाकर रोक लिया। जिस पर युवा वहीं धरने पर बैठ गए

व्ह अग्निपथ योजना वापस लेने की मांग कर रहे हैं। युवाओं का कहना है कि इस योजना से उन्हें नुकसान है। कई युवा सालों से सेना भर्ती की तैयारी कर रहे हैं। चार साल की नौकरी में उन्हें कोई फायदा नहीं है। कुछ युवाओं का कहना है कि दो वर्ष पूर्व उन्होंने शारीरिक दक्षता और मेडिकल टेस्ट पास किया था। उसकी लिखित परीक्षा होनी थी। पर अभी तक नहीं हुई है।

कहा कि अग्निपथ योजना रोजगार नहीं युवाओं को बहला- फुसलाकर बेरोजगार करने की स्कीम है। अगर सरकार रोजगार देना चाहती है तो सेना में तमाम खाली पड़े पदों को स्थाई तौर पर भरा जाए। युवाओं ने अग्निपथ योजना को वापस लेने और पूर्व में हुई भर्ती प्रक्रिया की लिखित परीक्षा कराने की मांग की है।

युवाओं ने कहा कि उत्तराखंड सैन्यभूमि है। यहां का हर युवा देश सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहता है, लेकिन केंद सरकार के सशस्त्र बलों में टूर आफ डयूटी को लागू करने से प्रदेश के युवाओं को काफी आघात पहुंचा है। पहाड़ के युवाओं के लिए सेना में जाना अपने सुरक्षित भविष्य को सुनिश्चित करना माना जाता है, इसलिए अधिकतर युवा बाल्यकाल से ही सेना में जाने की तैयारियों के लिए जुट जात है, लेकिन अब सेना में चार सल की सेवा तय करने से प्रदेश के युवाओं में भारी रोष है एवं कई युवा ऐसे हैं, जिनकी शारीरिक दक्षता और मेडिकल क्लियर हो चुका है।

युवा लिखित परीक्षा का इंतजार कर रहे थे पर भर्ती प्रक्रिया रद कर दी गई है। प्रदेश के अभिभावकों को अपने बच्चों के भविष्य को लेकर अब अधिक चिंतांए हैं। मुख्यमंत्री खुद सैन्य परिवार से आते हैं। इसलिए आशा है कि वह युवाओं की चिंता को बेहतर समझेंगे ।

क्योंकि केंद्र में भी भाजपा की सरकार है तो देश के युवा चाहते हैं कि सीएम उनका प्रतिनिधित्व करते प्रधानमंत्री एवं रक्षा मंत्री के सामने उनकी चिंता को रखें। सेना में चार साल के टूर आफ डयूकी जैसे प्रस्ताव पर एक बार फिर पुनर्विचार करते हुए रद्द किया जाए। अन्यथा युवा अपना रोष जताते हुए केंद्र और राज्य सरकार के विरूध निरंतर विरोध प्रदर्शन करते रहेंगे( GS)