शिव साधकों की कभी पराजय नहीं होती- स्वामी कैलाशानंद गिरी
हरिद्वार। श्री दक्षिण काली मंदिर में आयोजित निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज के शिव अनुष्ठान में आंध्र प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री केवी उषा श्रीचरण ने हिस्सा लिया और भगवान शिव का रूद्राभिषेक कर विश्व कल्याण की कामना की। इस दौरान स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि भगवान शिव के साधकों की कभी पराजय नहीं होती। भगवान शिव की पूजा से भक्तों का आत्मबल बढ़ता है और वह सदैव रोग मुक्त रहते हैं। भगवान शिव वैद्यनाथ हैं और उनकी कृपा जिस पर हो जाए। उसका कल्याण स्वयं ही निश्चित हो जाता है। भगवान शिव तत्काल और तुरंत प्रसन्न होने वाले देवता हैं। जो भक्तों की सूक्ष्म आराधना से ही प्रसन्न होकर उन्हें मनोवांछित फल प्रदान करते हैं। इसीलिए उन्हें आशुतोष भी कहा जाता है। जो श्रद्धालु भक्त श्रावण मास में भगवान शिव की शरण में आ जाते हैं। उनका जीवन भवसागर से पार हो जाता है। महिला एवं बाल विकास मंत्री केवी उषा श्रीचरण ने कहा की स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज एक महान एवं तपस्वी संत हैं। जो संपूर्ण भारत में सद्भावना की कामना के साथ भगवान शिव की कठिन साधना सावन पर्यंत करते हैं। पूर्वोत्तर भारत में इतनी कठिन साधना और कहीं नहीं देखी जाती। श्री दक्षिण काली मंदिर कि अपनी विशेष मान्यता है। यहां आने वाले श्रद्धालु भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है और शिव के साथ-साथ शक्ति का भी वरदान लोगों को प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि वह परम सौभाग्यशाली हैं कि उन्हें स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज के सानिध्य में पतित पावनी मां गंगा के पावन तट पर भगवान शिव के अभिषेक का अवसर प्राप्त हुआ है और वह बार-बार हरिद्वार आना चाहेंगे। इस अवसर पर स्वामी अवंतिका नंद ब्रह्मचारी महाराज ने महिला एवं बाल विकास मंत्री केवी उषा श्रीचरण को मां की चुनरी और नारियल भेंट कर उनका स्वागत किया। इस दौरान लाल बाबा,,आचार्य पवनदत्त मिश्र,पंडित प्रमोद पांडे,स्वामी कृष्णानंद ब्रह्मचारी,बालमुकुंदानंद ब्रह्मचारी,स्वामी अनुरागी महाराज सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।
अमोघ फल प्रदान करती है शिव उपासना-श्रीमहंत रविन्द्रपुरी
हरिद्वार। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कि श्रावण भगवान शिव की आराधना का पर्व है। श्रावण मास में भगवान शिव की उपासना व अभिषेक अमोघ फल प्रदान करते हैं। जलाभिषेक से प्रसन्न होकर भगवान शिव भक्तों के सभी कष्ट व संकट दूर कर देते हैं। भगवान शिव की कृपा से जीवन भवसागर से पार हो जाता है। निरंजनी अखाड़ा स्थित चरण पादुका मंदिर में आयोजित विशेष शिव आराधना के दौरान उपस्थित श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भगवान शिव अति कल्याणकारी हैं। सूक्ष्म आराधना से ही प्रसन्न होकर श्रद्धालु भक्तों के सभी दुखों को हर लेते हैं। सावन में शिव आराधना या शिवलिंग के दर्शन मात्र से ही साधक का कल्याण हो जाता है। कल्याणकारी आदिदेव भगवान शिव के स्मरण मात्र से ही सब दुख दूर हो जाते हैं। श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कि श्रावण मास में पूर्ण विधि विधान से शिवोपसना व रूद्राभिषेक करने से शिव अत्यन्त प्रसन्न होते हैं। उन्होंने कहा कि शिव साधना मोक्षदायक है। सृष्टि के प्रधान देव भगवान शिव की आराधना व पूजन से अन्य देवी देवता भी प्रसन्न होते हैं। सभी को नियमित रूप से शिव आराधना अवश्य करनी चाहिए। इस दौरान सैकड़ों श्रद्धालु भक्त उपस्थित रहे।
मोक्ष प्रदान करती है श्रीमद्भागवत कथा-भागवताचार्य नरेश चन्द्र शास्त्री
हरिद्वार। जगजीतपुर पीठ बाजार स्थित प्राचीन श्री सिद्धेश्वर महादेव मंदिर में मंदिर के व्यवस्थापक और मुख्य यजमान कुलदीप वालिया के संयोजन में आयोजित श्रीमद् भागवत महापुराण सप्ताह ज्ञान यज्ञ के तीसरे दिन श्रद्धालु भक्तों को कथा श्रवण कराते हुए कथा व्यास भागवताचार्य नरेश चन्द्र शास्त्री ने कहा कि भागवत भक्ति मोक्षदायक है। मोक्ष प्रदान करने वाली श्रीमद् भागवत कथा के श्रवण से श्रद्धालु भक्त का जीवन बदल जाता है। उन्होंने कहा कि कथा के श्रवण से व्यक्ति के जन्म जन्मांतर के पापों का शमन होता है और सोया हुआ ज्ञान वैराग्य जागृत हो जाता है। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा देवताओं को भी दुर्लभ है और श्रावण मास में गंगा तट पर श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण व आयोजन दोनों बेहद पुण्यदायी हैं। समय निकालकर सभी को कथा का श्रवण अवश्य करना चाहिए। साथ ही दूसरों को भी कथा श्रवण के लिए प्रेरित करना चाहिए। कथा से मिले ज्ञान को जीवन व्यवहार में धारण करें और उसके अनुरूप आचरण करें। उन्होंने कहा कि अन्य युगों में पुण्य प्राप्त करने के लिए जहां अनेक यत्न करने पड़ते थे। वहीं कलियुग में श्रीमद्भागवत कथा के श्रवण से ही अक्षय पुण्य की प्राप्ति की जा सकती है। कथा के मुख्य यजमान कुलदीप वालिया एवं रजनी वालिया ने व्यासपीठ की पूजा की और सभी श्रद्धालु भक्तों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि परिवार सहित कथा श्रवण के अवसर का लाभ उठाएं। बच्चों में भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म का प्रचार प्रसार करने के लिए धार्मिक क्रियाकलापों के माध्यम से उनको संस्कारवान बनाना चाहिए। इस अवसर पर यज्ञाचार्य पंडित पंकज जोशी,पार्षद विकास कुमार,अनिल मिश्रा, नितीशचौधरी,रजनीवालिया,रेखा,रितिका,ख्यातिजौहरी,स्वाति,अनुष्का,सुनीता,नीलम,पूनम,कौशल ,शिवानी जौहरी,रश्मि जौहरी,पुष्पा,सोनिका,उषा, ब्रजेश सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।
करूणा के सागर हैं भगवान शिव-श्रीमहंत बलवीर गिरी
हरिद्वार। बाघम्बारी पीठाधीश्वर श्रीमहंत बलवीर गिरी महाराज ने बिल्केश्वर महादेव मंदिर में भगवान शिव का विशेष श्रृंगार कर विश्व कल्याण के कामना के साथ आरती की। श्रद्धालु भक्तों को शिव आराधना का महत्व समझाते हुए श्रीमहंत बलवीर गिरी ने कहा कि शिव शब्द ही कल्याण का पर्याय है और शिव आराधना का सबसे बड़ा पर्व श्रावण मास है। इस दौरान की गई भगवान आशुतोष की आराधना भक्तों को शिव के शरणागत ले जाती है और उनके मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करती है। श्री महंत बलवीर गिरी महाराज ने कहा कि भगवान शिव करुणा के सागर है जोकि भक्तों को अभीष्ट फल प्रदान करते हैं। जो दीन दुखी दिनानाथ के दरबार में आ जाता है। उसका कल्याण अवश्य ही निश्चित है। बिल्केश्वर महादेव मंदिर की पौराणिक कथा और इसका महत्व भक्तों के जीवन में बदलाव लाता है। यहां आने वाले प्रत्येक साधक को भगवान शिव की कृपा के साथ माता पार्वती का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है। सभी को अपने परिवारों के साथ भगवान भोलेनाथ के दर्शन श्रावण मास में अवश्य करने चाहिए। ऐसा करने से उनके घर में सुख समृद्धि का वास होता है और उनकी सभी मनोकामनाएं भगवान भोलेनाथ पूर्ण करते हैं। उन्होंने कहा कि श्रावण मास में बिल्केश्वर महादेव की आराधना से मन शांत और प्रफुल्लित रहता है और व्यक्ति को सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है। महादेव के दर्शन मात्र से व्यक्ति के सभी दुखों का निवारण होता है और साथ ही उसमें उत्तम चरित्र का भी निर्माण होता है। जो उसको मोक्ष प्रदान करता है।