हरिद्वार। तुलसी पीठाधीश्वर पद्मविभूषण स्वामी रामभद्राचार्य महाराज की नौदिवसीय संगीतमय राम कथा के दूसरे दिन कनखल राजघाट में कथा को विस्तार देते हुए कहा कि शिव,राम और गंगा जीवन का उद्धार करते हैं। भगवान श्री राम ने शबरी और जटायु का उद्धार किया। सीता की खोज में निकले भगवान श्री राम के दर्शन जब भगवान शिव ने किए तो वे भावुक हो गए। स्वामी रामभद्राचार्य ने शिव और भगवान श्री राम भगवान की के आपसी माधुर्य पूर्ण संबंधों का वर्णन करते हुए कहा कि जब भगवान राम ने भगवान शिव के दर्शन किए तो उन्हें पांच बार पांच अलग-अलग नाम से संबोधित कर प्रणाम किया। भगवान श्री राम द्वारा भगवान शिव के यह पांच नाम मनुष्य को मोक्ष प्रदान करते हैं। उन्होंने गंगा की महिमा का बखान करते हुए कहा कि पतित पावनी गगा भगवान विष्णु के चरणों से होती हुई भगवान शिव के जटाओं से निकल कर पृथ्वी पर अवतरित हुई और मानव का उद्धार किया। गंगा में डुबकी लगाने से मनुष्य को जन्म-जन्मांतर के पापों से मुक्ति मिल जाती थी। आज कथा स्थल पर श्री पंचायती महा निर्वाणी अखाड़ा के सचिव महंत रविंद्र पुरी महाराज ने माल्या अर्पण कर तुलसी पीठाधीश्वर स्वामी रामभद्राचार्य जी का स्वागत किया।मुख्य यजमान प्रशांत शर्मा और अचिन अग्रवाल,नितिन माना,सुनील अग्रवाल गुड्डू,अखिलेश बिट्टू शिवपुरी,नमित गोयल,गगन गुप्ता,गौरव गुप्ता दीपक बंसल,प्रतीक गुप्ता,भगवत शरण अग्रवाल,आशीष मनीष बंसल आदि ने व्यास पीठ का पुष्प मालाओं से स्वागत किया।
2024-06-08