धर्म सत्ता के बिना अधूरी है राजसत्ता-सतपाल ब्रह्मचारी
हरिद्वार। श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल की और से हरियाणा की सोनीपत लोकसभा सीट से सांसद निर्वाचित हुए सतपाल ब्रह्मचारी का फूलमाला पहनाकर स्वागत किया गया। निर्मला छावनी में श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के अध्यक्ष श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह की अध्यक्षता में आयोजित अखाड़े के संतों की बैठक में सांसद सतपाल ब्रह्मचारी का स्वागत करने के साथ चारोंधाम की तर्ज पर मंदिर या ट्रस्ट बनाए जाने के खिलाफ कानून लाए जाने के उत्तराखण्ड सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को बधाई भी दी गयी। श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज ने कहा कि राष्ट्र की एकता अखण्डता कायम रखने में संत महापुरूषों ने हमेशा ही अहम भूमिका निभायी है। उन्होंने कहा कि सांसद सतपाल ब्रह्मचारी विद्वान संत हैं। संत परंपरांओं का पालन करते हुए वे समाज सेवा में भी अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। उनके नगर पालिका अध्यक्ष कार्यकाल को हरिद्वार की जनता आज भी याद करती है। श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज ने कहा कि चारों धाम के नाम पर मंदिर या ट्रस्ट बनाए के खिलाफ कड़ा कानून बनाए जाने का मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का निर्णय स्वागत योग्य है। कोठारी महंत जसविन्दर सिंह महाराज ने कहा कि सतपाल ब्रह्मचारी के सांसद निर्वाचित होने से पूरा संत समाज हर्षित है। उन्होंने कहा कि सतपाल ब्रह्मचारी सोनीपत से सांसद निर्वाचित हुए हैं। लेकिन संत समाज को उम्मीद है कि हरिद्वार के विकास में भी उनका सहयोग मिलेगा। सांसद सतपाल ब्रह्मचारी ने श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सोनीपत उनकी जन्म भूमि तथा हरिद्वार कर्मभूमि है। हरिद्वार के विकास के लिए जो संभव हो सकेगा वे अवश्य करेंगे। उन्होंने कहा कि धर्म सत्ता के बिना राजसत्ता अधूरी है। धर्म और राजनीति के संगम से ही देश आगे बढ़ेगा। इस अवसर पर अखाड़े के पूर्व सचिव महंत बलवंत सिंह,साहिब सिंह जालंधर,महंत हरदेव सिंह, महंत बलवीर सिंह,महंत दर्शन सिंह शास्त्री,महंत अमरजीत सिंह,संत जरनैल सिंह,संत सुखमन सिंह,महंत निर्भय सिंह, महंत गुरप्रीत सिंह,महंत वीर सिंह,महंत मलकीत सिंह,महंत हरिसिंह,महंत अमनदीप सिंह,महंत खेमसिंह,महंत गुरूकृपाल सिंह,महंत जसकरण सिंह,संत सुखजीत सिंह,संत जोबन प्रीतसिंह आदि मौजूद रहे। महंत रंजय सिंह,बीबी बीरेंद्र कौर,पूर्व राज्यमंत्री अरविन्द शर्मा ,समाजसेवी अतुल शर्मा,नीरव साहू,स्वामी शुभम गिरी ने सभी संतों का फूलमाला पहनाकर स्वागत किया।