आश्रम की सेवा संस्कृति को आगे बढ़ाना ही उनके जीवन का मुख्य उद्देश्य- ऋषि राम कृष्ण
हरिद्वार: ब्रह्मलीन डा.स्वामी केशवानंद महाराज का शताब्दी समारोह निर्धन निकेतन आश्रम में धूमधाम से आयोजित किया गया। कार्यक्रम में आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी ऋषि रामकृष्ण महाराज के संयोजन में ब्रह्मलीन स्वामी केशवानंद महाराज की मूर्ति का अनावरण किया गया। सभी तेरह अखाड़ों के संत महापुरूषों ने ब्रह्मलीन स्वामी केशवानंद महाराज का भावपूर्ण स्मरण करते हुए उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए। पूर्व सांसद डा.रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी केशवानंद महाराज त्याग,तपस्या और सेवा की साक्षात प्रतिमूर्ति थेे। वे सौभाग्यशली है कि उन्हें ब्रह्मलीन स्वामी केशवानंद महाराज का सानिध्य प्राप्त हुआ। उनके 100वें अवतरण दिवस पर सभी को उनके दिखाए मार्ग पर चलने का संकल्प लेना चाहिए। यही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी। स्वामी ऋषि रामकृष्ण महाराज ने कहा कि पूज्य गुरूदेव ब्रह्मलीन स्वामी केशवानंद महाराज से मिले ज्ञान और शिक्षाओं का अनुसरण करते हुए आश्रम की सेवा संस्कृति को आगे बढ़ाना ही उनके जीवन का मुख्य उद्देश्य है। महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद महाराज व सोनीपत सांसद सतपाल ब्रह्मचारी ने कहा कि धर्म और अध्यात्म के विलक्षण विद्वान ब्रह्मलीन स्वामी केशवानंद महाराज संत समाज के प्रेरणास्रोत थे। सनातन धर्म के प्रचार प्रसार में उनका योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा। स्वामी ऋषि रामकृष्ण महाराज जिस प्रकार अपने गुरूदेव के अधूरे कार्यो को आगे बढ़ा रहे हैं। उससे सभी को प्रेरणा लेनी चाहिए। इस अवसर पर महंत सूरजदास,महंत तीर्थ सिंह,स्वामी रविदेव शास्त्री,स्वामी हरिहरानंद,स्वामी सुतिक्ष्ण मुनि,स्वामी दिनेश दास,महंत गंगादास,स्वामी शिवानंद भारती,महंत रघुवीर दास,महंत नारायण दास पटवारी,महंत जयराम दास,महंत बिहारी शरण,पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश जमदग्नि सहित अनेक संत महंत व गणमान्य लोग मौजूद रहे।