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रूड़की में प्रत्येक वार्ड में विकास कार्यों के लिए 50-50 लाख रूपये से कार्य कराये जायेंगे -जिलाधिकारी

हरिद्वार: जिलाधिकारी एवं प्रशासक धीराज सिंह गर्ब्याल की अध्यक्षता में नगर निगम बोर्ड की बैठक नगर निगम सभागार में सम्पन्न हुई। बैठक में नगर निगम के पार्षदों की मांग पर जिलाधिकारी ने 25 हजार रूपये कीमत के कराये गये कार्यों की जांच के निर्देश दिये। उन्होंने पार्षदों की मांग को मानते हुए कहा कि प्रत्येक वार्ड में विकास कार्यों के लिए 50-50 लाख रूपये से कार्य कराये जायेंगे। उन्होंने कहा कि बोर्ड द्वारा पास किये जा रहे प्रस्तावों पर औपचारिकताएं पूर्ण कराते हुए शीघ्रता से कार्य प्रारम्भ कराये जायेंगे।पार्षदों ने मांग की कि परिसीमन के बाद शामिल क्षेत्रों में कर न लगाया जाये और चल रहा सर्वे कार्य बन्द करा दिया जाये। जिस पर जिलाधिकारी ने कहा कि नए क्षेत्रों सीएम घोषणा के अनुरूप कर नहीं वसूला जायेगा और सर्वे कार्य बन्द कराने हेतु शासन को प्रस्ताव भेजा जा सकता है। उन्होंने कहा कि शासन से अनुमति लेकर बोर्ड बैठक आयोजित कराने का मुख्य उद्देश्य यही है कि किसी भी दशा में निगम का विकास बाधित न हो और सभी व्यवस्थाएं सही व सुचारू चलती रहें। बैठक में पार्षदों द्वारा सहायक नगर आयुक्त की कार्य प्रणाली तथा कार्य शैली पर सख्त नाराजगी जाहिर की,जिस पर जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिये कि भविष्य में इस प्रकार की शिकायत प्राप्त होने पर सख्ती से कार्यवाही अमल में लाई जायेगी। जिलाधिकारी ने नगर आयुक्त को निर्देशित करते हुए कहा कि यदि निगम में तैनात कार्मिकों के कार्यों एवं दायित्वो का बंटवारा नहीं हुआ है तो तत्काल कर लिया जाये। बैठक में रखे गये प्रस्तावों को बोर्ड द्वारा पास किया गया। बैठक में विधायकों,पार्षदों द्वारा जल भराव से मुक्ति,सफाई,शहर में प्रकाश व्यवस्था सहित विभिन्न समस्याओं पर विस्तार से चर्चा करते हुए समाधान हेतु सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित किया गया।बैठक में दर्जाधारी श्यामवीर सैनी,विधायक प्रदीप बत्रा,फुरकान अहमद,एमएनए जितेन्द्र कुमार,संयुक्त मजिस्ट्रेट दिवेश शाश्नी एवं रूड़की क्षेत्र के पार्षद अनूप सिंह सहित अन्य पाषर्द मौजूद रहे।

अनुसूचित जाति,अनुसूचित जनजाति(अत्याचार निवारण) के तहत 36पीड़ितों को मिलेगा 28 लाख से अधिक का भुगतान

हरिद्वार: जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्बयाल की अध्यक्षता में जिला कार्यालय में अनुसूचित जाति,अनुसूचित जनजाति(अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 एवं नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम 1955योजनान्तर्गत सतर्कता एवं अनुश्रवण समिति की बैठक संपन्न हुई। बैठक में जिला समाज कल्याण अधिकारी ने समिति को अवगत कराया गया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में अनुसूचित जाति,अनुसूचित जनजाति (अत्याचार-निवारण) अधिनियम 1989 एवं नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम 1955योजनान्तर्गत 36पीडितों के सापेक्ष धनराशि रू0 28.75लाख का व्यय किया गया। वित्तीय वर्ष 2024-25 में 28प्रकरणों में 36पीडितो को भुगतान हेतु वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्यालय द्वारा संस्तुति की गयी है। जिसमें 07 पीडित अन्य राज्य से होने के कारण प्रकरण को अन्य राज्य में प्रेषित कर दिया गया है। जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि अनुसूचित जाति,अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) योजनान्तर्गत उनकी ओर से शासन को मांग हेतु पत्र प्रेषित किया जाए। जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि योजना के अन्तर्गत प्रथम सूचना रिपोर्ट पर पीडित को लाभ दे दिया जाता है किन्तु प्रकरण पर न्यायालय में विवेचना के पश्चात अनुसूचित जाति अत्याचार उत्पीडन एक्ट का लोप होने की दशा में भुगतान की गई धनराशि को रिकवरी किये जाने के सम्बन्ध में शासनादेश में कोई प्राविधान नही है। अतः भुगतान की गई धनराशि की वापसी के सम्बन्ध में शासन से दिशा-निर्देश मांगे जाने हेतु पत्र प्रेषित किया जाये। जिलाधिकारी ने पुलिस विभाग को निर्देश दिए कि तत्काल एफ.आई.आर. की सूचना समाज कल्याण विभाग को प्रेषित करें,समाज कल्याण विभाग द्वारा उसका तत्काल संज्ञान लेते हुए पीड़ित को सहायता उपलब्ध किये जाने की कार्यवाही अमल में लाई जाए। पुलिस विभाग को यह भी निर्देश दिये गये कि संयुक्त जांच रिपोर्ट 60दिन के अन्तर्गत समाज कल्याण अधिकारी कार्यालय को प्राप्त हो जानी चाहिए। जिला समाज कल्याण अधिकारी द्वारा पुलिस विभाग से पृच्छा की गई कि धारा 376 के अन्तर्गत विभाग को संयुक्त जांच आख्या में पीड़ित की पुष्टिकारक चिकित्सा रिपोर्ट पर संशय बना रहता है। जिसके सम्बन्ध में एस.पी.काइम द्वारा धारा 376के अन्तर्गत प्राप्त होने वाले प्रकरणों में शासनादेश के अनुसार अंकित‘चिकित्सा परीक्षा और पुष्टिकारक चिकित्सा रिपोर्ट पर स्पष्ट दिशा-निर्देश हेतु संयुक्त निदेशक निदेशालय अभियोजन,उत्तराखण्ड को पत्र प्रेषित किये जाने के निर्देश दिये गए।जिला समाज कल्याण अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि अत्याचार उत्पीडन के अन्तर्गत समिति द्वारा सहायता राशि स्वीकृत होने पर पीड़ितों की बैंक खाता एवं आधार का विवरण प्राप्त किये जाने में काफी समय लग जाता है। जिला समाज कल्याण अधिकारी द्वारा पुलिस अधीक्षक (अपराध) से अनुरोध किया गया कि पीडित को तुरन्त भुगतान हेतु पुलिस विभाग से अनुरोध किया गया प्रथम सूचना रिपोर्ट के साथ आवश्यक परिपत्र यथा आधार कार्ड,खाता तथा जाति प्रमाण पत्र भी उपलब्ध कराये जाऐ। उक्त के सम्बन्ध में एस.पी. काइम द्वारा सहमति व्यक्त की गयी। बैठक में पंकज गैरोला,एस.पी.काइम,जिला समाज कल्याण अधिकारी टी.आर.मलेठा,,दीपेशचन्द,अभिप्रेरणा फाउण्डेशन,शिवालिक नगर,हरिद्वार,अनूप कुमार, समाजसेवी,ग्राम पंचायत ब्रहमपुरजट,नारसन एवं समाज कल्याण विभाग के अधिकारी कार्मिक उपस्थित रहे।
समस्त पत्रों एवं पत्रावलियों का संचरण ई-ऑफिस के माध्यम से हो-जिलाधिकारी
हरिद्वार। जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्बयाल ने समस्त विभागाध्यक्षो जिला स्तरीय अधिकारियो को निर्देशित किया गया है कि जिला स्तर पर समस्त कार्यालयों में पत्र एवं पत्रावलियों का संचरण ई-ऑफिस के माध्यम से किया जाये। परन्तु देखा जा रहा है कि अभी भी जनपद के कुछ जिला स्तरीय अधिकारियों, विभागाध्यक्षों द्वारा पत्रों एवं पत्रावलियों का संचरण मैनुअल माध्यम से किया जा रहा है जो शासन द्वारा दिये गये निर्देशों का उल्लंघन है। उन्होंने समस्त जिला स्तरीय अधिकारियों,विभागाध्यक्षों को आदेशित किया है कि 12अगस्त से जनपद के समस्त कार्यालयों में समस्त प्रकार के पत्रों एवं पत्रावलियों का संचरण ई-ऑफिस के माध्यम से किया जाना सुनिश्चित करें। यदि आदेश के उपरान्त भी किसी भी स्तर से पत्रों,पत्रावलियों का संचरण जिलाधिकारी के समक्ष मैनुअल माध्यम से होना पाया जाता है,तो सम्बन्धित के विरुद्ध दिए गये निर्देशों का अनुपालन करने के सम्बन्ध में नियमानुसार सख्ती से कार्यवाही अमल में लाई जायेगी

रूड़की निकाय के लिए मतदाता सूची निरीक्षण के लिए उपलब्ध

हरिद्वार: जिला निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी,अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) (स्था०नि०) दीपेंद्र सिंह नेगी ने सर्वसाधारण को अधिसूचित किया है कि जनपद हरिद्वार के नगर निगम रूडकी के समरत प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों के आलेख्य में किये गये संशोधनों की सूची उत्तर प्रदेश नगर निगम (निर्वाचक नामावली का तैयार किया जाना और पुनरीक्षण) नियमावली-1994,(उत्तराखण्ड में यथाप्रवृत्त) तथा उत्तर प्रदेश नगर पालिका (निर्वाचक नामावली का तैयार किया जाना और पुनरीक्षण) नियमावली,1994(उत्तराखण्ड में यथा प्रवृत्त) के अनुसार तैयार कर ली गयी है और नगर निगम रूड़की के नामावली की एक प्रति संशोधनों की उक्त सूची के साथ प्रकाशित कर दी गयी है और जिला निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी,अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) (स्था०नि०) कार्यालय में निरीक्षण के लिये उपलब्ध है।