उत्तराखंड: शहीद स्मारक पर प्रदर्शनकारियों को हटाने पर सत्ता विरोधी भावना उफान पर

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मूल निवास, भू-क़ानून संघर्ष समिति ने मुख्यमंत्री के घर के बाहर धरना देने का निर्णय लिया।

देहरादून: राज्य सरकार के द्वारा शहीद स्मारक पर धरना दे रहे प्रदर्शनकारियों को बलपूर्वक हटाए जाने के विरोध में उत्तराखंड की जनता में रोष व्याप्त है। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि शांतिपूर्ण तरीके से बैठे हुए उन्हें पुलिस ने घसीटकर गटर के किनारे फेंक दिया।
प्रदर्शनकारी अपनी जमीन, रोजगार और सांस्कृतिक पहचान को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शहीद स्मारक उनके लिए एक पवित्र स्थान है और सरकार ने उनके अधिकारों का हनन किया है।
मूल निवास, भू-क़ानून संघर्ष समिति ने घोषणा की है कि अब उत्तराखंड की जनता मुख्यमंत्री के घर के बाहर धरना देगी। समिति ने प्रदेशभर से हजारों की संख्या में लोगों को जुटाने का आह्वान किया है।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे अब “करो या मरो” की स्थिति में हैं और आंदोलन अनवरत जारी रहेगा। अगले महीने इस कार्यक्रम की तिथि घोषित की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में भूख हड़ताल शहीद स्मारक में ही होगी।