उत्साहपूर्वक मनाया गया महिला योग शक्ति दिवस

Listen to this article

शारीरिक साधना योगाभ्यास व मानसिक प्राणायाम,चित्त की साधना करायी गयी

हरिद्वार। बुधवार को  भारतीय योग संस्थान इकाई हरिद्वार द्वारा महिला योग शक्ति दिवस अत्यंत उत्साह से सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज सेक्टर-2,बी.एच.ई.एल.रानीपुर हरिद्वार प्रधानाचार्य लोकेन्द्र कुमार के सहयोग से सभी जिलों व केन्द्रों ने संगठित होकर मनाया गया। भारतीय योग संस्थान के संस्थापक स्वर्गीय श्री प्रकाश लाल अपने सम्बोधन में महिलाओं को सदैव पूज्यनीय मातृशक्ति कहकर हमेशा पुकारा करते थे। 25दिसंबर को महिला योग शक्ति दिवस के रुप मनाने का निर्णय दिया। कार्यक्रम का प्रारम्भ गहरे-लम्बे श्वास व ओइ्म ध्वनि से हुआ। आज के सम्पूर्ण कार्यक्रम संचालन एवं क्रियान्वयन मातृशक्ति द्वारा ही किया गया व प्रस्तुत किया। दीप प्रज्ज्वलित मुख्य अतिथि जनपद आपदा प्रबंधन अधिकारी श्रीमती मीरा रावत एवं भारतीय योग के प्रान्तीय अधिकारी सुखदेव राज सिडाना,जयप्रकाश सींगले एवं चारों जिलों के प्रधान महिला जिला प्रधान श्रीमती सुधा जैन व साथ जिलामंत्री श्रीमती तन्नु त्यागी, श्रीमती प्रवीण अरोड़ा,श्रीमती सुशीला घिडिल्याल,जिलाप्रधान विजयपाल,हरीश तनेजा तथा सुरेश भट्ट ने किया।सरस्वती वन्दना श्रीमती शशि चौहान,कल्पना,अनीता रावत,नमिता नौडियाल ने की।शारीरिक साधना योगाभ्यास व मानसिक प्राणायाम,चित्त की साधना करायी। उसके पश्चात सांस्कृतिक कार्यक्रमों में रुद्राष्टक स्रोत श्रीमती निशा राजपूत योगगीत बीना सोलंकी, चक्रों साधना कैसे करें,की प्रस्तुति हिमगिरि मंदिर विष्णु गार्डन की साधिकाओं की। इस कार्यक्रम 36केन्द्रों के साधक साधकाओं की संख्या 198थी,इसी क्रम में जहां एक ओर नारी की महिमा श्रीमती रेखा वर्मा,सुनीता वर्मा ने की,वहीं दूसरी श्रीमती मंजू झा ने जहां मैं आज नारी हूं,नारी शक्ति पर सुन्दर वार्ता श्रीमती लता जोशी द्वारा की गई। राम भजन पर नृत्य श्रीमती प्रभा शर्मा सरिता शर्मा व साथियों ने किया। प्रधानाचार्य लोकेन्द्र कुमार तथा मुख्य अतिथि श्रीमती मीरा रावत ने सभी साधकों व साधिकाओं को अपनी मधुर वाणी का रसास्वादन कराया गया। अन्त में श्री सिडाना और श्रीमती सुधा जैन ने अतिथियों का आभार प्रकट करते हुए तथा धन्यवाद देते हुए श्रीमती सुशीला घिडिल्याल ने बहुत सुंदर मंच संचालन किया गया और प्रार्थना एवं शांति पाठ के पश्चात कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।