चमोली: उच्च हिमालयी क्षेत्र में 4329 मीटर की ऊंचाई पर स्थित प्रसिद्ध तीर्थस्थल हेमकुंड साहिब की यात्रा को सुगम बनाने के लिए केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी पर्वतमाला परियोजना के तहत गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक 12.4 किलोमीटर लंबे रोपवे का निर्माण किया जाएगा। इस परियोजना को लेकर जिला प्रशासन ने कवायद शुरू कर दी है।
जिलाधिकारी हिमांशु तिवारी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में परियोजना निर्माण के लिए प्रस्ताव तैयार करने के साथ ही भूमि अधिग्रहण को लेकर चर्चा की गई। जिलाधिकारी ने बताया कि गोविंदघाट-हेमकुंड साहिब रोपवे निर्माण के लिए उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद और एनएलएमएल के साथ अनुबंध हुआ है। हेमकुंड यात्रा मार्ग पर रोपवे निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया जारी है। जिसे लेकर एनएलएमएल कंपनी के अधिकारियों की ओर से प्रेजेंटेशन दिखाई गई जिसके बाद जिलाधिकारी ने निर्माणदायी कंपनी को परियोजना निर्माण से क्षेत्र पर होने वाले सामाजिक और पारिस्थितिक प्रभाव का आकलन रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए ताकि परियोजना का निर्माण सुगमता से किया जा सके।
बैठक में रोपवे विशेषज्ञ नितेश कुमार ने बताया कि एनएलएमएल द्वारा रोपवे का विकास किया जा रहा है, जिसका डिज़ाइन डेक्कन टेक्ट्रेल इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड की ओर से तैयार किया गया है। कहा कि गोविंदघाट-हेमकुंड रोपवे परियोजना (12.4 किलोमीटर) में 6 स्टेशन निर्मित किए जाएंगे। रोपवे निर्माण के बाद एक घंटे से भी कम समय अवधि में करीब एक हजार तीर्थयात्री हेमकुंड साहिब जा सकेंगे। परियोजना को पारिस्थितिकी तंत्र के अनुकूल बनाया गया है। योजना का निर्माण सभी सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा। उन्होंने कहा कि परियोजना का निर्माण ₹ 2730.13 करोड़ की लागत से किया जाएगा।
गौरतलब है कि वर्तमान में तीर्थयात्रियों को हेमकुंड साहिब तक जाने के लिए 18 किमी की पैदल दूरी तय करनी होती है। रोपवे परियोजना के निर्माण के बाद तीर्थयात्रियों के लिए यात्रा आसान और सुविधाजनक हो जाएगी। बैठक में अपर जिलाधिकारी विवेक प्रकाश, जिला पर्यटन अधिकारी बृजेंद्र पांडे, भूमि अधिग्रहण विशेषज्ञ शरद, वन विशेषज्ञ आकाश अकलिया आदि मौजूद थे।
2025-05-15