ऋषिकेश के परमार्थ निकेतन में चल रही श्रीराम कथा के दूसरे दिन भक्ति, ज्ञान और राष्ट्र समर्पण का अद्भुत संगम देखने को मिला। स्वामी चिदानन्द सरस्वती के नेतृत्व में परमार्थ गुरुकुल के ऋषिकुमारों ने ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम्’ के जयघोष के साथ भव्य तिरंगा यात्रा निकाली।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने राष्ट्र को हमारी पहचान और अस्तित्व बताते हुए सेना के अदम्य साहस और बलिदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि सैनिक दल, मजहब या जाति से ऊपर उठकर सिर्फ वतन की सेवा करते हैं। उनका जीवन त्याग और बलिदान की मिसाल है।
कथावाचक संत मुरलीधर जी ने कहा कि भगवान श्रीराम का जीवन राष्ट्र कल्याण के लिए समर्पित था। उनके वन गमन से लेकर रामराज्य की स्थापना तक, सब कुछ राष्ट्र के हित में था। उन्होंने कहा कि श्रीराम का जीवन हमें सिखाता है कि राष्ट्र धर्म व्यक्तिगत जीवन से ऊपर है और संकट के समय हर व्यक्ति को अपना सब कुछ त्यागकर राष्ट्र के लिए समर्पित होना चाहिए।
इस दिन की श्रीराम कथा उन वीर सपूतों को समर्पित की गई जिन्होंने भारत माता की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी।
2025-05-16