देहरादून: मुख्यमंत्री ने ‘एक देश, एक चुनाव’ विषय पर आयोजित संयुक्त संसदीय समिति के संवाद कार्यक्रम में भाग लेते हुए बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि यह पहल लोकतंत्र को और अधिक सशक्त बनाएगी।
मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि पिछले तीन वर्षों में राज्य में विधानसभा, लोकसभा और विभिन्न स्थानीय चुनावों के कारण लगने वाली आदर्श आचार संहिता के चलते लगभग 175 दिन प्रशासनिक मशीनरी निष्क्रिय रही। उन्होंने बताया कि इस अवधि में सरकार कोई भी नीतिगत फैसला नहीं ले पाती, जिसका सीधा अर्थ है कि लगभग छह महीने तक सरकार का कामकाज प्रभावित रहता है।
उन्होंने आगे कहा कि यदि यह प्रशासनिक निष्क्रियता न होती, तो राज्य में कम से कम 30 से 35 प्रतिशत राजस्व की बचत होती। इस बचे हुए राजस्व का उपयोग शिक्षा, सड़क निर्माण, जन कल्याणकारी योजनाओं, भूमि विकास और महिला सशक्तिकरण जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में किया जा सकता था।
मुख्यमंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि उत्तराखंड में सुरक्षा के साथ-साथ पर्यटन को विशेष बढ़ावा देने और रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड एक ऐसा राज्य है जहाँ हर वर्ष लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं, जिससे पर्यटन की असीमित संभावनाएं हैं।
2025-05-22