श्री गीता विज्ञान आश्रम के परमाध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती महाराज ने कहा है कि जो भक्त भगवान को दिल से चाहता है। भगवान स्वयं दर्शन देकर उसकी मनोकामना पूर्ण करते हैं। जबकि दुर्भावना रखने वालों के सपने सदैव अधूरे रहते हैं। राजा गार्डन स्थित श्री हनुमान मंदिर में गुरु पूर्णिमा के उपलक्ष में आयोजित भागवत कथा में श्रद्धालुओं को भगवान श्रीकृष्ण और रुक्मणी के विवाह का प्रसंग श्रवण कराते हुए उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण को श्रीहरि का भक्तवत्सल अवतारी बताते हुए कहा कि माता रुक्मणी साक्षात मां लक्ष्मी की अवतार थीं, तो उनका विवाह तो भगवान श्रीकृष्ण से होना ही था। लेकिन रुक्मणी का भाई अपनी बहन का विवाह अन्यत्र करना चाहता था। भगवान श्रीकृष्ण को जब रुक्मणी का संदेश मिला तो उन्होंने बिना कोई विलंब किए माता रुक्मणी का वरण किया। भगवान की भक्त वत्सलता का वर्णन करते हुए कथा व्यास ने कहा कि भगवान ने 16108 कन्याओं को स्वीकार कर भगवत प्राप्ति का सुख प्रदान किया। भगवान के विवाह उत्सव पर भक्तों ने अद्भुत सजावट कर भाजी प्रसाद से भक्तों का अंतःकरण पवित्र किया।
2021-07-22