कुंभ 2021 के दौरान हुये कोरोना जांच के नाम पर हुए घोटाले की जांच में जुटी एसआईटी की जांच जैसे जैसे आगे बढ़ रही है,वैसे वैसे घपले की परते भी खुलती जा रही है। एसआईटी की जांच में सामने आया है कि कोविड पोर्टल पर फर्जी एंट्रियां राजस्थान के रॉकी ने अपलोड कराई थी। फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद अब एसआईटी ने रॉकी का नाम अपनी जांच में शामिल कर लिया है। बताया जाता है कि इसके लिए 3 रुपये प्रति एंट्री अपलोड करने का कमीशन रॉकी को दिया गया था। बाकायदा हरिद्वार से एक्सेल शीट में जानकारी राजस्थान भेजी गई थी। जिसके बाद वहां से रॉकी ने एंट्री को पोर्टल पर अपलोड कराया था। बताते चले कि कोरोना टेस्टिग घोटाले में एसआइटी की पड़ताल में आए दिन नए खुलासे हो रहे हैं। पहली गिरफ्तारी के बाद एसआइटी ने भिवानी की डेल्फिया लैब संचालक आशीष वशिष्ठ को तीन दिन की रिमांड पर लिया था। उसकी निशानदेही पर हरियाणा से लैपटॉप व रजिस्टर भी बरामद किया था। पूछताछ में आशीष वशिष्ठ ने बताया कि उसने राजस्थान के हनुमानगढ़ निवासी राम मोहन नवानी उर्फ रॉकी की मदद से कोरोना टेस्टिंगकी फर्जी एंट्रियां आइसीएमआर पोर्टल पर डाली थी। इस पर एसआइटी ने रॉकी को पूछताछ के लिए हरिद्वार बुलाया था। पूछताछ में रॉकी ने एसआइटी को बताया कि फर्जी एंट्री डालने के लिए आइडी पासवर्ड आशीष ने उसे उपलब्ध कराए थे। उसने कई लड़कों की मदद लेकर पोर्टल पर एंट्री कराई। लेकिन, उसे यह मालूम नहीं था कि एंट्री फर्जी है या असली है। आशीष ने उसे जो भी डाटा दिया, उसने तीन रुपये प्रति एंट्री की एवज में अपलोड करा दिया। पुलिस ने जांच में राजस्थान निवासी राम मोहन नवानी का नाम भी बढ़ा दिया है। पूछताछ के लिए राममोहन नवानी को भी हरिद्वार बुलाया जा रहा है। राजेश साह ने बताया कि मामले की जांच की जा रही हैं। राजस्थान से एंट्रियां पोर्टल पर अपलोड हुई हैं। उसके साथ जुड़े लड़के अपने मोबाइल से ही एंट्री अपलोड करते थे। रॉकी ने काम पर लगाए गए लड़कों को दो रुपये प्रति एंट्री की दर से भुगतान किया और एक रुपये प्रति एंट्री कमीशन के नाम पर खुद रखा। विवेचनाधिकारी राजेश शाह के अनुसार मामले की जांच चल रही है। राजस्थान से फर्जी एंट्रिया डलने की बात सामने आई हैं।
2021-07-27