कथक सम्राट बिरजू महाराज की पुण्य समृति मे चार दिवसीय नृत्य कार्यशाला शुरू

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कार्यशाला में छात्र छात्राओं को बिरजू महाराज के कत्थक नृत्य के गुर सिखाए

हरिद्वार। पर्यावरण बचाने के संदेश के साथ चार दिवसीय कथक कार्यशाला भेल के सेक्टर 4 के कम्युनिटी सेंटर में प्रारंभ हुई। एब्स्ट्रेक्ट डिवाइन डांस फाउंडेशन ग्रुप द्वारा आयोजित कार्यशाला में हरिद्वार जिले के स्कूल कॉलेजों के छात्र-छात्राएं भाग ले रहे हैं. यह कार्यशाला कथक सम्राट कार्यशाला में कथक सम्राट बिरजू महाराज को समर्पित है,उनकी पुण्य स्मृति में आयोजित इस कार्यशाला में छात्र छात्राओं को बिरजू महाराज के कथक नृत्य के गुर सिखाए जा रहे हैं। बिरजू महाराज की शिष्या अंजलि सचदेवा ने अपने गुरु के साथ बिताए 17 सालों के अनुभवों को साझा करते हुए संगीत के छात्र छात्राओं को बिरजू महाराज की नृत्य कला की बारीकियों को बताया। एब्स्ट्रेक्ट डिवाइन डांस फाउंडेशन ग्रुप की अध्यक्षा माधवी भट्टाचार्य ने बताया कि नृत्य का सीधा संबंध अध्यात्म से है। बिरजू महाराज के बताए हुए जीवन के मूल्यों को अपनी साधना में आत्मसात करने की सदा प्रेरणा देती है। विश्व पर्यावरण दिवस की संध्या के दिन आयोजित इस शास्त्रीय संगीत की कार्यशाला के पहले दिन सभी अतिथियों और संगीत प्रेमियों को कथक सम्राट बिरजू महाराज की याद में पौधे भेंट कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भेल के महाप्रबंधक (एचआर) नीरज दवे ने शास्त्रीय संगीत की मर्मज्ञ माधवी भट्टाचार्य के अहर्निश प्रयास कोसराहा उन्होंने कहा कि वह भारतीय संस्कृति के प्रचार प्रसार में कई वर्षों से जुटी है. दवे ने कहा कि भारतीय शास्त्रीय संगीत अजर और अमर है इसकी तुलना विश्व के किसी भी संगीत से नहीं की जा सकती है और हरिद्वार जैसी तीर्थ नगरी में माधवी द्वारा शास्त्रीय संगीत की धारा को प्रवाहित करने का कार्य प्रशंसनीय है। इस अवसर पर संस्था की अध्यक्षा माधवी भट्टाचार्य ने विशिष्ट अतिथि चिन्मय एजुकेशन सोसाइटी के चेयरमैन कर्नल राकेश सचदेवा एवं उनकी पत्नी को बिरजू महाराज का चित्र भेंट दिया। अंजलि सचदेवा ने कहा कि अपनी प्रस्तुति के दौरान छात्राओं को बिरजू महाराज के बताए हुए सू की हर नृत्य मुद्रा करते हुए भगवान कृष्ण का स्मरण करना चाहिए। एक्सट्रैक्ट डिवाइन डांस ग्रुप की छात्रा नृत्यांगना आयुषी देवरानी ने राम भजन पर अपनी प्रस्तुति दी। बिरजू महाराज के शिष्य वृंदावन से पधारे आशीष सिंह ने भी ताल कदम की कुछ प्रस्तुतियां दी. कमांडर आमोद चैधरी ने कहा कि सदा शाश्वत है और रहेगा.इसको सीखने से जीवन में भी अनुशासन बना रहता है। इस अवसर पर राधिका नागरथ,नेहा मलिक, ओंकात,साधना सिंह आदि लोग मौजूद थे।