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समाजिक समरसता के संवाहक थे संत गुरु रविदास- संत निर्मलदास

हरिद्वार। भगवान रविदास आश्रम निर्मला छावनी में गुरु रविदास साधु संप्रदाय सोसाइटी के प्रधान संत निर्मलदास महाराज के तत्वावधान में स्वर्ण पालकी,अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त रसोई घर व वाटर कूलर की स्थापना संतों व गणमान्यजनों की उपस्थित में की गयी। इस अवसर पर संस्था के परमाध्यक्ष संत निर्मलदास ने कहा कि संत गुरुरविदास सामाजिक समरसता के संवाहक थे। उन्होंने समाज को एकता के सूत्र में पिरोकर राष्ट्र को मजबूत करने का काम किया। संत निर्मल दास ने कहा कि गुरु रविदास ने जीवन पर्यंत समाज में जाति वर्ग का भेद मिटाते हुए सामाजिक समरसता स्थापित करने का कार्य किया। भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष पूर्व विधायक देशराज कर्णवाल ने कहा कि प्रभु रविदास जन जन के आराध्य हैं। उन्होंने समाज में व्याप्त असमानताओं को समाप्त करने के लिए स्नेह,सद्भाव व समानता का संदेश दिया। भाजपा नेता अनिरुद्ध भाटी ने कहा कि संत शिरोमणी रविदास ने समाज में व्याप्त कुप्रथाओं,आडम्बर व भेदभाव की प्रवृति को समाप्त करने के लिए कर्म की श्रेष्ठता पर बल दिया। उन्होंने संदेश दिया कि जाति व धर्म से मनुष्य को श्रेष्ठता प्राप्त नही होती। अपितु हमारे कर्म ही हमें श्रेष्ठता व संस्कारों की ओर अग्रसर करते हैं। इस अवसर पर आश्रम में संत गुरु रविदास की स्वर्ण पालकी, अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त रसोई,कमरे व वाटर कूलर की स्थापना की गई। कार्यक्रम मंे मुख्य रूप से संत परमजीत दास,संत श्रवण दास,संत बलवंत सिंह,संत जागीर सिंह,संत गुरमीत दास,संत बलकार सिंह, निवृत पार्षद विनीत जोली,लक्की सहित श्रद्धालु भक्तजन उपस्थित रहे।

पेयजल लाइन की शीघ्र मरम्मत करे जल संस्थान-अनिरुद्ध भाटी

हरिद्वार। उत्तराखंड जल संस्थान की हीला हवाली वह सुस्तकार्य प्रणाली के चलते पावन धाम मार्ग पुराने आरटीओ तिराहे के निकट दो स्थानों पर पानी की मुख्य लाइन विगत एक माह से क्षतिग्रस्त होने के चलते क्षेत्रवासियों के लिए परेशानी का सबब बन गई है। निवृत्त पार्षद भाजपा नेता अनिरुद्ध भाटी ने क्षेत्रवासियों के साथ मौका मुआयना कर जल संस्थान के अधिकारियों से मरम्मत के कार्य में तेजी लाने की मांग की है। अनिरुद्ध भाटी ने कहा कि जल संस्थान की लापरवाही के चलते सड़क पर जल भराव की स्थिति बन गई है। जिस कारण क्षेत्रवासियों व तीर्थ यात्रियों को आवागमन में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सड़क पर जलभराव के चलते संक्रामक रोगों के प्रसार का खतरा भी उत्पन्न हो गया है। अनिरुद्ध भाटी ने कहा कि एक सप्ताह में सावन मेला भी प्रारंभ होने वाला है। ऐसे में उक्त पेयजल लाइन की शीघ्र मरम्मत होना जनहित में अत्यंत आवश्यक है। अनिरुद्ध भाटी ने जल संस्थान के एसडीओ राकेश बमराडा से वार्ता करते हुए कहा कि लाइन में लीकेज के चलते जहां पेयजल आपूर्ति बाधित हो रही है। उन्होंने जल संस्थान के अधिकारियों से दो दिन के भीतर पेयजल लाइन को दुरुस्त करने की मांग की। उत्तराखंड जल संस्थान के अधिकारी राकेश बमराडा ने कहा कि विगत एक सप्ताह से लाइन पर मरम्मत का कार्य चल रहा था। बरसात के चलते पेयजल लाइन की मरम्मत में बाधा आई थी,अब शीघ्र ही क्षतिग्रस्त पेयजल लाइन को दुरुस्त किया जाएगा। अवसर पर भाजपा वार्ड अध्यक्ष नीरज शर्मा,गुलशन निषाद,गौरव निषाद,आदित्य यादव,रमाकांत शर्मा,व्यापारी नेता ललित सचदेवा,रुपेश शर्मा,गोपी सैनी समेत अनेक क्षेत्र वासियों ने भी शीघ्र पेयजल लाइन को दुरुस्त करने मांग की।

ज्ञान का अथाह भण्डार है श्रीमद्भावगत कथा-स्वामी ऋषि रामकृष्ण

हरिद्वार। खड़खड़ी स्थित श्री निर्धन निकेतन आश्रम में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन श्रद्धालु भक्तों को कथा के महत्व से अवगत कराते आश्रम के परमाध्यक्ष ऋषि रामकृष्ण महाराज ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान का अथाह भण्डार है। कथा से मिले ज्ञान के अनुसार आचरण करने से जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं। जिससे असंभव कार्य भी संभव हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि गंगा तट पर संत महापुरूषों के सानिध्य में श्रीमद्भागवत कथा श्रवण करने का अवसर सौभाग्य से मिलता है। इसलिए इस अवसर को गंवाना नहीं चाहिए और दूसरों को भी कथा श्रवण करने के लिए प्रेरित करना चाहिए। कथा व्यास महामंडलेश्वर स्वामी शिवानंद महाराज ने कहा कि कथा सत्संग ज्ञान प्राप्ति का सबसे अच्छा माध्यम है। श्रीमद्भावगत कथा ज्ञान प्रदान करने के साथ कल्याण का मार्ग भी प्रशस्त करती है। अन्य युगों में जहां ज्ञान और मोक्ष प्राप्ति के लिए अनेक यत्न करने पड़ते थे। वहीं कलयुग में श्रीमद्भागवत कथा के श्रवण और कथा से प्राप्त ज्ञान के अनुसार आचरण करने से ही सभी मनोरथ पूरे हो जाते हैं। श्रद्धालु भक्तों को भगवान के 24अवतारों की कथा सुनाते हुए कथा व्यास महामंडलेश्वर स्वामी शिवानंद महाराज ने कहा कि श्रीमद्भागवत भक्त और भगवान की कथा है। कथा विचार,वैराग्य,ज्ञान प्रदान कर हरि से मिलने का मार्ग प्रशस्त करती है। इस अवसर पर महंत दुर्गादास,स्वामी ऋषिश्वरानंद,स्वामी रविदेव शास्त्री,स्वामी हरिहरानंद,स्वामी दिनेश दास,स्वामी शिवानंद भारती,महंत गुरमीत सिंह,स्वामी हर्षवर्द्धन,स्वामी चिदविलासानंद, महंत मोहन सिंह,महंत प्रेमदास,स्वामी कमलेशानन्द सहित बड़ी संख्या में संत महंत और श्रद्धालु मौजूद रहे।

भवसागर की वैतरणी है श्रीमद्भागवत कथा-स्वामी अच्यूतानंद तीर्थ

हरिद्वार। भूमा पीठाधीश्वर स्वामी अच्यूतानंद तीर्थ महाराज के संयोजन में भूपतवाला स्थित भूमा निकेतन में गुरू पूर्णिमा महोत्सव के उपलक्ष्य में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के शुभारंभ पर गंगा तट से कथा स्थल तक भव्य कलश यात्रा निकाली गयी। कलश यात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन शामिल हुए। कथा का शुभारंभ करते हुए स्वामी अच्यूतानंद तीर्थ महाराज ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा भवसागर की वैतरणी है। श्रद्धापूर्वक कथा का श्रवण और मनन करने से जीवन भवसागर से पार हो जाता है। उन्होंने कहा कि धर्म कथाओं का श्रवण और धार्मिक आयोजनों में भाग लेने से परिवार संस्कारित होता है। धर्मानुकुल आचरण करने से श्रेष्ठ विचारों का उदय होता है। जिससे जीवन सरल और सफल बनता है। ईश्वरीय कृपा से परिवार में सुख समृद्धि का वास होता है। श्रद्धालुओं के कल्याण के लिए श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन करने के लिए गुप्ता परिवार बधाई और साधुवाद का पात्र है। कथाव्यास पंडित पवन कुमार शास्त्री ने श्रद्धालुओं को कथा श्रवण कराते हुए कहा कि पूर्व जन्म के पुण्यों का उदय होने पर ही हरिद्वार के पवित्र गंगातट पर श्रीमद्भागवत कथा सुनने का अवसर मिलता है। श्रीमद्भागवत कथा निरंतर बहने वाली ज्ञान की गंगा है। कथा के प्रत्येक सत्संग से अतिरिक्त ज्ञान की प्राप्ति होती है। कथा के प्रभाव से जीवन बदल जाता है। कथा के मुख्य यजमान बलदेवराज गुप्ता,श्रीमती राजकान्ता गुप्ता,अरूण कुमार गुप्ता,भवनीत गुप्ता,दीपक गुप्ता ,मिनल गुप्ता,ओजल गुप्ता,कविन गुप्ता,रिक्का गुप्ता,रयान्श गुप्ता,राजेन्द्र शर्मा,देवराज तोमर ने व्यासपीठ का पूजन कर स्वामी अच्यूतानंद तीर्थ महाराज एवं कथा व्यास से आशीर्वाद लिया।

मां भगवती की शक्ति से बड़ी संसार में कोई शक्ति नहीं-श्रीमहंत रविंद्रपुरी

हरिद्वार। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि मां भगवती की शक्ति से बड़ी संसार में कोई शक्ति नहीं है। गुप्त नवरात्र पूजन के दौरान श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि गुप्त नवरात्र में दस महाविद्याओं की पूर्ण विधि विधान से पूजा अर्चना करने से सभी संकट और कष्ट दूर हो जाते हैं। परिवार में सुख समृद्धि का वास होता है। उन्होंने कहा कि वर्ष में दो बार चैत्र और अश्विन के नवरात्रों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की उपासना की जाती है। जबकि गुप्त नवरात्रों में दस महाविद्याओं की साधना की जाती है। गुप्त नवरात्रों में देवी भगवती की पूजा अर्चना करने से साधक का जीवन सफल हो जाता है। श्रद्धा और विश्वास के साथ की गयी आराधना से प्रसन्न होकर मां भगवती साधक की सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करती हैं। जिससे प्रत्येक कार्य में सफलता प्राप्ति होती है। जीवन सुखमय हो जाता है। उन्होंने कहा कि देवी भगवती का पूजन व आराधना करने के साथ सभी को देवी स्वरूपों कन्याओं के संरक्षण संवर्द्धन का संकल्प भी लेना चाहिए।