हरिद्वार, 24 जून, 2025 – जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में सुरक्षित पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों को गंभीरता से काम करने के निर्देश दिए हैं। मंगलवार को जिला जल एवं स्वच्छता मिशन कार्यों की समीक्षा बैठक में उन्होंने जल जीवन मिशन (जेजेएम) के तहत चल रहे कार्यों की धीमी प्रगति पर गहरा असंतोष व्यक्त किया।
जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिए कि कार्यशैली में सुधार लाया जाए और जनपद की प्रगति अच्छी की जाए, अन्यथा स्थानांतरण के लिए तैयार रहें। उन्होंने चेतावनी दी कि लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने सभी सहायक विकास अधिकारी पंचायतों को तीन दिनों के भीतर ग्राम सभा की खुली बैठकें आयोजित कर “हर घर जल” प्रमाणीकरण करने और योजनाओं में लीकेज की जानकारी लेने के निर्देश दिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि जिन योजनाओं में पेयजल आपूर्ति सुचारू नहीं है या कार्य पूर्ण नहीं हुआ है, उनका किसी भी कीमत पर प्रमाणीकरण न किया जाए। प्रमाणीकरण और लीकेज की निगरानी के लिए सहायक जिला पंचायत राज अधिकारी को नोडल अधिकारी नामित किया गया है। जिलाधिकारी ने यह भी निर्देश दिया कि यदि 27 जून तक प्रमाणीकरण कार्यों में प्रगति नहीं दिखती है, तो संबंधित विकास खंडों के सहायक विकास अधिकारियों का जून माह का वेतन रोक दिया जाए।
बैठक में रूड़की और हरिद्वार नगर निगम सहित ग्रामीण क्षेत्रों की 10 पेयजल योजनाओं को अनुमोदन हेतु प्रस्तुत किया गया था, लेकिन जिलाधिकारी ने इन सभी का अनुमोदन करने से इनकार कर दिया। उन्होंने निर्देश दिए कि योजनाओं की आवश्यकता, महत्ता और सभी संबंधित क्षेत्रों को शामिल करने से संबंधित विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने जनप्रतिनिधियों के अनुभवों और सुझावों का लाभ उठाने के लिए डीपीआर का प्रेजेंटेशन दिखाने और उनके सुझाव लेने पर जोर दिया, ताकि भविष्य के लिए प्रभावी योजनाओं को अनुमोदित किया जा सके।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोण्डे, नगर आयुक्त रुड़की राकेश चंद्र तिवारी सहित अन्य संबंधित अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।
2025-06-24