अखिल भारतीय वैदिक सम्मेलन,15 से 17 नवंबर तक सूरतगिरि बंगला आश्रम में आयोजित होगा

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हरिद्वार:  श्री सूरत गिरि बंगला गिरिशानंद आश्रम के परमाध्यक्ष महामंडलेश्वर आचार्य स्वामी विश्वेश्वरांनद गिरि महाराज ने बताया कि आगामी 15 से 17 नवंबर तक सूरतगिरि बंगला आश्रम में अखिल भारतीय वैदिक सम्मेलन आयोजित होगा। उन्होंने कहा कि वेद भारतीय संस्कृति, ज्ञान, विज्ञान और आचरण के मूल स्रोत हैं।
ऋषियों द्वारा रचित और संरक्षित
ऋषियों ने इस अद्वितीय वैदिक शब्दावली को साकार किया है। उन्होंने श्रुति परंपरा से अपने शिष्यों को वेदों की शिक्षा दी, इसलिए वेदों को श्रुति भी कहा जाता है। आदि-जन्मे भारतीय ऋषि-मुनियों ने संपूर्ण मानव सभ्यता के कल्याणकारी मंत्रों को संरक्षित किया।
महर्षि पतंजलि ने अपने महाभाष्य में ऋग्वेद, सामवेद, यजुर्वेद और अथर्ववेद की विभिन्न शाखाओं का उल्लेख किया है। वर्तमान में उपलब्ध वेदशाखाओं के संरक्षण और संवर्धन के लिए भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत महर्षि सान्दीपनि वेदविद्या प्रतिष्ठान उज्जैन की स्थापना की गई है।
हरिद्वार में आयोजन
इस वर्ष अखिल भारतीय वैदिक सम्मेलन का आयोजन देवभूमि उत्तराखंड के प्रवेश द्वार हरिद्वार में स्थित वेदस्थली शोध संस्थान एवं श्री महेशानन्द साङ्गवेद संस्कृत विद्यालय सुरतगिरि बंगला कनखल में किया जा रहा है।
विशिष्ट अतिथि
सम्मेलन में सुरेश भैयाजी जोशी, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ), राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरुमीत सिंह उत्तराखंड, कार्ष्णिपीठाधीश्वर स्वामी गुरुचरणानंद महाराज मथुरा, महामंडलेश्वर स्वामी नित्यानंद महाराज शांति मंदिर हरिद्वार, विरुपाक्ष वी. जद्दीपाल, सचिव, महर्षि सांदीपनि राष्ट्रीय वेद विद्या प्रतिष्ठान उज्जैन सहित कई अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल होंगे।
इस सम्मेलन का उद्देश्य वेद ज्ञान को समाज और विश्वपटल पर प्रस्तुत करना है। यह सम्मेलन वेदमूर्तियों को एक मंच प्रदान करेगा जहां वे वेदराशि को साझा करेंगे।