योगगुरू स्वामी रामदेव द्वारा एलौपैथ चिकित्सकों को लेकर की गई बयानबाजी के विरोध में एलोपैथी चिकित्सकों ने काली पटट्ी बांधकर विरोध जताया और योगगुरू के खिलाफ कारवाई की मांग की। बताते चले कि पिछले दिनों पतंजलि आयुर्वेद ट्रस्ट के प्रमुख योगगुरू स्वामी रामदेव ने कथित रूप से एलोपैथी चिकित्सकों को लेकर आपत्तिजनक टिपण्णी की थी। योगगुरू के खिलाफ देशभर के डाॅक्टरांे ने सरकार से कारवाई की मांग की। आईएमए देहरादून ने तहरीर देकर मुकदमा दर्ज करने के साथ साथ एक हजार करोड़ के मानहानि का दावा भी किया। इसी मामले में योगगुरू के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर हरिद्वार आईएमए ने भी मंगलवार को काली पट्टी बांधकर काम किया। आईएमए ने केंद्र सरकार से रामदेव के खिलाफ कारवाई करने की मांग की है। कार्रवाई न होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है। आईएमए के जिला अध्यक्ष डॉ. दिनेश सिंह ने कहा कि कोरोना काल में उपचार करने की अनुमति से लेकर दवा और उनके दाम तय करने तक का अधिकार केन्द्र सरकार के हाथ में है, चंद चिकित्सकों को कोरोना का उपचार करने की अनुमति है ऐसे में एक चिकित्सक ड्रग माफिया कैसे हो गया। सभी चिकित्सकों को कोरोना उपचार की अनुमति नहीं थी, सब कुछ सरकार के हाथ में था और है, ऐसे में रामदेव द्वारा चिकित्सकों पर नहीं बल्कि सीधे केंद्र सरकार की कार्यप्रणाली पर उंगली उठाई गयी और लगातार उठायी जा रही है। बावजूद इसके अब तक केंद्र सरकार चुप्पी साधे हुए है। सरकार यदि समय रहते बाबा की बयानबाजी का संज्ञान ले लेती तो आज यह नौबत ही न आती।
2021-06-01