ऋषिकेश के परमार्थ निकेतन में माँ गंगा के तट पर शिवकथा ज्ञानयज्ञ का भव्य शुभारम्भ हुआ। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती और कथाव्यास राम भारती की उपस्थिति में दीप प्रज्वलित कर कथा शुरू हुई। स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि शिव कल्याण का अर्थ है और शिवकथा जीवन में कल्याणकारी परिवर्तन लाती है। उन्होंने शिव परिवार को विविधता में एकता का प्रतीक बताया। कथाव्यास राम भारती ने भगवान शिव के विभिन्न स्वरूपों की व्याख्या की और वैराग्य, प्रेम, तपस्या, करुणा, ज्ञान और सेवा के समन्वय को सच्चा शिवत्व बताया। स्वामी जी ने सभी से जल संरक्षण, स्वच्छता और सेवा का संकल्प लेने और एक-एक पौधा लगाने का आग्रह किया। उन्होंने कथाव्यास रामभारती को रूद्राक्ष का पौधा भेंट किया। महाराष्ट्र से आए यजमान चंद्रशेखर और श्रीमती अनुराधा 600 से अधिक श्रद्धालुओं को लेकर आए हैं, जो इस दिव्य अनुभव से अभिभूत हैं।
2025-05-08