आशा राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य कार्यकत्री एकता यूनियन ने मंगलवार से कार्य बहिष्कार की घोषणा कर दी है। यूनियन का कहना है कि शासन प्रशासन उनकी मांगों को अनुसना कर रहा है। मंगलवार को कार्य बहिष्कार करते हुए आशा कार्यकर्ताओं ने जिलाधिकारी कार्यालय में धरना प्रदर्शन कर जिलाधिकारी को मांग पत्र सौंपा। सरकारी कर्मचारी घोषित करने और न्यूनतम वेतन 21 हजार रुपये करने समेत अन्य मांगों को लेकर आशा राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य कार्यकत्री एकता यूनियन लामबंद है। आशा कार्यकर्ताओं ने बताया कि गर्भवती महिलाओं की देखभाल, शिशु मृत्यु दर कम करने व बच्चों के टीकाकरण कराने की उनकी जिम्मेवारी है। लेकिन आशाओं से इससे कहीं अधिक कार्य लिया जा रहा है। इसके बदले उन्हें थोड़ी बहुत राशि दी जाती है। आशा कार्यकर्ताओं ने कहा कि सरकार काम के बदले एक वेतन निर्धारित कर दे। कहा कि आशाओं को मासिक देय राशि और अन्य मदों के बकाये का समय पर भुगतान की व्यवस्था की जाये। जिलाधिकारी को सौंपे गए मांग पत्र में रोशनाबाद में ही सभी बैठकों को करने, पोलियो ड्यूटी का प्रतिदिन 400 रुपये देने, सालाना दो यूनिफार्म, रुकी राशि का शीघ्र भुगतान करने की मांग की गई है। अन्य मांगों में अस्पताल के अंदर आशाओं को अलग से एक आशा स्थल जगह देने, सरकारी कर्मचारी घोषित करने, घर घर कोरोना सर्वे के लिए अलग से राशि दिये जाने समेत न्यूनतम वेतन 21 हजार रुपये मासिक करने की मांग शामिल है।मांग पत्र देने वालों में नीरज, सुनील, कोमल, सुनीता, मनोज रानी, पुष्पा चैहान, दीपाली, कौशल, पूनम, प्रवीन, रंजीता, रीना शर्मा, सुदेश, सावित्री, निशा, मालती, प्रीति, सीमा, भारती, कुसुम, नीलम देवी, गीता देवी आदि शामिल रहीं।
2021-08-03