हरिद्वार जिले ने उत्तराखंड का मान बढ़ाया
हरिद्वार। कृषि एवं जल संसाधन थीम के बाद अब आधारभूत संरचना के मामले में भी हरिद्वार जिले ने अव्वल आकर देशभर में उत्तराखंड का मान बढ़ाया है। नीति आयोग ने हरिद्वार जिले को आधारभूत अवसंरचना थीम में देश के 112 आकांक्षी जिलों में प्रथम घोषित किया है। पुरस्कार स्वरूप जिले को तीन करोड़ की धनराशि दी जाएगी। साथ ही मिशन डायरेक्टर राकेश रंजन ने उत्तराखंड के मुख्य सचिव एसएस संधू को पत्र भेजकर जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय की सर्विस बुक में उत्कृष्ट प्रविष्टि दर्ज करने को कहा है। जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय ने कहा कि नीति आयोग की ओर से आकांक्षी जिला हरिद्वार को आधारभूत अवसंरचना सेक्टर में पूरे देश में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। पुरस्कार स्वरूप जिले को 3 करोड़ की धनराशि मिलेगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2018 में देश के 112 सबसे कम विकसित जिलों को जल्द और प्रभावी ढंग से विकास की दौड़ में आगे लाने के लिए केंद्रीय मंत्रियों को जिम्मेदारी सौंपी थी। हरिद्वार की जिम्मेदारी केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को दी गई। बीती चार मई को उन्होंने सीसीआर में विभागों की ओर से चल रहे कार्यों की समीक्षा बैठक ली थी। चिकित्सा, शिक्षा,कृषि, आधारभूत संरचना आदि क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए उन्होंने प्रशासन की सराहना भी की थी। नीति आयोग की तरफ से जारी जून की रैंकिंग में देश के 112 आकांक्षी जिलों में आधारभूत अवसंरचना के क्षेत्र में हरिद्वार जिले ने पहला स्थान हासिल किया। देश में अव्वल आने पर न केवल हरिद्वार जिले को तीन करोड़ रुपये का पुरस्कार दिया जा रहा है, बल्कि जिलाधिकारी विनय शंकर पांडे की सर्विस बुक में उत्कृष्ट प्रविष्टि दर्ज की जाएगी, जोकि उत्तराखंड के लिए भी गर्व का विषय है। नीति आयोग की तरफ से हर महीने आकांक्षी जिलों की स्वास्थ्य एवं पोषण,शिक्षा,कृषि एवं जल संसाधन, आधारभूत अवसंरचना एवं वित्तीय समावेशन एवं कौशल थीम पर रैंकिंग की जाती है। सभी सेक्टर में प्रथम आने पर पुरस्कार स्वरूप 10 करोड़ रुपए दिए जाने का प्रविधान है। जिला सांख्यिकी अधिकारी सुभाष शाक्य ने बताया कि आधारभूत अवसंरचना में जिले की 304 ग्राम पंचायत और 500 से अधिक गांव प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना से जुड़े हैं। सभी ग्राम पंचायत सीएससी सेंटर और इंटरनेट सुविधा से लैस हैं,जहां ग्रामीण प्रमाण पत्र से लेकर खसरा खतौनी आदि की नकल निकाल सकते हैं। हर गांव में शत-प्रतिशत शुद्ध पेयजल की उपलब्धता के अलावा वर्ष 2018 से अब तक मनरेगा में इस आकांक्षी जिले में 100 तालाबों का सुंदरीकरण और उच्चीकरण किया गया है। जिला हरिद्वार को इससे पहले दो बार प्रथम पुरस्कार मिल चुका है। जिला सांख्यिकी अधिकारी सुभाष शाक्य ने बताया कि 2019 फरवरी में कृषि एवं जल संसाधन थीम पर जिले को प्रथम पुरस्कार स्वरूप 3 करोड़ रुपए मिले थे, वहीं 2019 जुलाई में सभी सेक्टरों में प्रथम स्थान आने पर 10 करोड़ का इनाम मिला था।