ऋषिकेश की प्राकृतिक रेशे आधारित इंडस्ट्री में नई उम्मीदें

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हरिद्वार: जिले की मुख्य विकास अधिकारी ने हाल ही में ऋषिकेश स्थित प्राकृतिक रेशे आधारित एक अग्रणी इंडस्ट्री का दौरा किया। इस दौरे का मकसद था प्राकृतिक रेशों से बने उत्पादों के निर्माण, मार्केटिंग और नवीन तकनीकों का अध्ययन करना।
महिलाओं के लिए स्वरोजगार का नया रास्ता:
इस इंडस्ट्री में लगभग 3500 महिलाएं जुड़ी हुई हैं जो भीमल, भांग और पाइन जैसे प्राकृतिक रेशों से उत्पाद बनाती हैं। इन उत्पादों की मांग स्थानीय से लेकर अंतरराष्ट्रीय बाजार तक है। इस तरह महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनने का मौका मिल रहा है।
आधुनिक तकनीक से बढ़ेगी उत्पादन क्षमता:
इंडस्ट्री में इस्तेमाल होने वाली आधुनिक तकनीकों से उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार होगा और उत्पादन भी बढ़ेगा। सीडीओ ने उत्पादन प्रक्रिया का बारीकी से निरीक्षण किया।
महिलाओं को मिलेगा प्रशिक्षण:
अब हरिद्वार में काम करने वाली महिलाओं को भी इस इंडस्ट्री की आधुनिक तकनीकों से जोड़ा जाएगा। इसके लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
मार्केटिंग को मिलेगा बढ़ावा:
महिलाओं द्वारा बनाए गए उत्पादों को बेहतर बाजार उपलब्ध कराने के लिए राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर मार्केटिंग चैनलों को मजबूत किया जाएगा।
मुख्य विकास अधिकारी का कहना:
सीडीओ ने इस दौरे को बहुत उपयोगी बताया और निर्देश दिए कि ग्रामोत्थान परियोजना के तहत काम करने वाली महिलाओं के उत्पादों को इस इंडस्ट्री की तकनीकों से जोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि इससे हरिद्वार में महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण होगा और जिले का विकास भी होगा।