हरिद्वार: विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर पतंजलि विश्वविद्यालय मानविकी एवं प्राच्य विद्या संकाय के अर्न्तगत मनोविज्ञान विभाग द्वारा मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से ‘मैंटल हैल्थ एट वर्क’विषय पर एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता फैलाने और उसके महत्व को रेखांकित किया गया। कार्यक्रम का मुख्य फोकस योग और ध्यान के माध्यम से मानसिक कल्याण को बढ़ावा देना था। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि योग विज्ञान संकाय के संकायाध्यक्ष-डॉ.ओम नारायण तिवारी ने बताया कि योग एक ऐसी विधा है जिसके संज्ञान एवं व्यवहारिकता से जीवन आदर्श बनता है। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य योग और ध्यान के माध्यम से मानसिक कल्याण को बढ़ावा देना था। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ.जयन नामबूदिरी,सीईओ एवं डॉयरेक्टर माइंडक्राफ्रट,ब्रांड एम्बेसडर ईक्यू4पीस वर्ल्डवाइड ने ऑनलाइन जुड़कर चिंता,अवसाद,और आधुनिक जीवन के मानसिक दबाव जैसे मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि किस प्रकार योग और माइंडफुलनेस इन चुनौतियों से निपटने में सहायक हो सकते हैं। इस अवसर पर प्रति कुलपति मयंक अग्रवाल ने कहा कि पूरे विश्व में मेंटल हेल्थ के विषय पर खुल कर चर्चा करने की आवश्यकता है। अष्टांग योग के माध्यम से भी हम मानसिक चेतना को स्वस्थ रख सकते हैं। व्याख्यान श्रृंखला में पतंजलि विश्वविद्यालय के कुलानुशासक स्वामी आर्षदेव ने कहा कि पतंजलि विश्वविद्यालय योग की प्राचीन परंपराओं को आधुनिक मानसिक स्वास्थ्य समाधानों के साथ जोड़कर एक उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है। डॉ.वैशाली गौड़ ने बताया कि पतंजलि विश्वविद्यालय किस प्रकार योग और आधुनिक मनोवैज्ञानिक का समन्वय कर तन और मन दोनों को पोषित करने का काम कर रहा है। इस अवसर पर स्लोगन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया,जिसमें मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को सामान्य बनाने, आत्म-देखभाल और माइंडफुलनेस के महत्व पर जोर दिया गया। छात्रों द्वारा प्रस्तुत स्लोगनों के आधार पर प्रथम,द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार प्रदान किए गए। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रतिकुलपति डॉ.मयंक अग्रवाल तथा संचालन डॉ.वैशाली गौड़ ने किया। कार्यक्रम में परीक्षा नियंत्रक प्रो.अरविंद कुमार सिंह,संकायाध्यक्ष छात्र कल्याण डॉ.बिपिन दूबे,डॉ.लक्ष्मी शंकर रथ,डॉ.गौतम,डॉ.सांवर सिंह,डॉ.दिव्यांशु बिष्ट,सुभाष आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम को सफल बनाने में मनोविज्ञान विषय के छात्र/छात्राओं ने अपनी सक्रिय एवं बहुमूल्य सहभागिता प्रदान की।
2024-10-10